December 23, 2024

Devsaral Darpan

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महाराष्ट्र में लगातार बढ़ रहे ओमिक्रोन के मामलों ने सरकार की चिंता बढ़ाई, सरकार ने क्रिसमस और नए साल को ध्यान में रखते हुए गाइडलाइन जारी

महाराष्ट्र  में लगातार बढ़ रहे ओमिक्रोन के मामलों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है, जिसे देखते हुए शुक्रवार को राज्‍य सरकार ने क्रिसमस और नए साल (New Year) के समारोहों को ध्यान में रखते हुए नई गाइडलाइन जारी कर दी है। हाल ही में देश में कोरोना संक्रमण के नए मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है, इस मामले में केंद्र सरकार के आंकड़ों से पता चला है कि देश में दिल्‍ली और महाराष्ट्र में ओमिक्रोन वैरिएंट के मामले सबसे अधिक है। ऐसा कहा जाता है कि ये नया वैरिएंट बार-बार और असामान्य रूप से बड़ी संख्या में म्यूटेशन से गुजरने में सक्षम है। इसे लेकर दुनिया भर के चिकित्सा विशेषज्ञों और सार्वजनिक स्वास्थ्य पेशेवरों ने इसकी ट्रांसमिसिबिलिटी, इम्यून सिस्टम और वैक्सीन प्रतिरोध जैसे पहलुओं पर पहले से चिंता व्‍यक्‍त की है।

महाराष्ट्र सरकार शुक्रवार को व्यापक निर्देश जारी करेगी जिसमें होटल और रेस्तरां में विवाह समारोहों में सभाओं से संबंधित दिशानिर्देश शामिल होंगे। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को सरकार के कोविड-19 टास्क फोर्स के साथ एक वर्चुअल बैठक की, जहां प्रस्तावित दिशानिर्देशों के विवरण पर चर्चा होने की संभावना थी। गौरतलब है कि में महाराष्ट्र सरकार पहले ही इस बारे में अलग से कई तरह के निर्देश जारी कर चुकी है। मुंबई में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधात्मक आदेश 16 दिसंबर से 31 दिसंबर तक क्रिसमस और नए साल की पूर्व संध्या के साथ-साथ बड़े समारोहों और पार्टियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए लागू किए गए हैं।

महाराष्ट्र में बीते 24 घंटों में 615 लोग संक्रमित

राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, गुरुवार को ओमिक्रोन के 23 नए मामले सामने आए और इसके साथ ही महाराष्ट्र में इस तरह के संक्रमणों की संख्या बढ़कर अब 88 तक पहुंच गई है। बीते 24 घंटों के दौरान लगभग 615 लोग इस संक्रमण के बाद स्‍वस्‍थ हो चुके हैं। जबकि 17 लोग एक ही समय में घातक वायरस से अपनी जान गंवा चुके हैं। राज्य में कोविड-19 संक्रमित सक्रिय मरीजों की संख्या 7,897 हो गई है। पिंपरी चिंचवाड़ नगर आयुक्त ने एक आदेश जारी करते हुए कहा है कि कोविड-19 पर राज्य सरकार के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने वालों पर भारतीय पुलिस संहिता (आईपीसी) की धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।

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