December 23, 2024

Devsaral Darpan

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जाएका और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार ने भारत के पर्वतीय राजमार्गों की क्षमता बढ़ाने के लिए किया समझौता

देहरादून ,: जापान इंटरनेशनल कॉपरेशन एजेंसी (जाएका) तथा भारत के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने पर्वतीय राजमार्गों के रख रखाव हेतु क्षमता विकास संबंधी समझौते पर हस्तातक्षर किए हैं। इस तकनीकी सहयोग परियोजना का मकसद पर्वतीय राजमार्गोंके परिचालन तथा रखरखाव कार्यों से जुड़े संगठनों की संस्थादगत क्षमता में वृद्धि करना है। इस परियोजना पर अप्रैल 2022 से काम शुरू होने की संभावना है, जिसके लिए प्रशासनिक मंजूरी 24 जनवरी, 2022को ली जा चुकी है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय देश में राष्ट्रीपय एक्स प्रेसवे तथा राष्ट्री य राजमार्गों के विकास तथा रखरखाव के लिए जिम्मेदार है। भारतमाता योजना (चरण 1) के अंतर्गत, मंत्रालय ने पर्वतीय इलाकों जैसे कि उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पूर्वोत्तर क्षेत्र आदि में राजमार्गों के विकास पर खास ध्यान दिया है। पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण और उनकी क्षमता संवर्धन इलाके के भीतर तथा सीमा क्षेत्रों के साथ संपर्क बढ़ाने के लिहाज़ से महत्व पूर्ण कार्य है। पहाड़ी इलाकों में सड़कों के अंतर्गत अनेक संरचनाएं शामिल होती हैं जैसे कि पुल, सुरंगें आदि और सड़क तंत्र के सुगमतापूर्वक काम करने के लिए इन सभी का समुचित रखरखाव करना जरूरी होता है। भारत में, डिजाइनिंग तथा पहाड़ी इलाकों में सुरंगों समेत राजमार्ग के कार्यों की निगरानी से जुड़े तकनीकी विशेषज्ञों की कमी है, और यही कारण है कि यहां क्षमता बढ़ाने की जरूरत है।

इस परियोजना के अंतर्गत, जाएका भारत में एक जापानी विशेषज्ञ की दीर्घकालिक आधार पर तथा जापान से ही लघु अवधि के लिए अन्यर विशेषज्ञों की तैनाती करेगा जो जापानी जानकारी एवं अनुभव के आधार पर रखरखाव संबंधी पुस्तिकाओं को तैयार करने में मदद करेंगे। इस परियोजना के तहत्, कार्मिकों का प्रशिक्षण भारत तथा जापान दोनों जगहों पर किया जाएगा ताकि पर्वतों एवं वनों से घिरे देश जापान के अनुभवों को उनके साथ साझा किया जा सके। उम्मींद की जा रही है कि इससे सरकारी संगठनों जैसे नेशनल हाइवेज़ एंड इंफ्रास्ट्रीक्चर डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के कार्मिकों की रखरखाव क्षमताओं में सुधार आएगा। साथ ही, यह नॉर्थ ईस्टिर्न प्रोविंस रोड नेटवर्क कनेक्टिविटी इम्प्रूंवमेंट प्रोजेक्ट (चरण 1 से 5) समेत ऋण समर्थित परियोजनाओं के रखरखाव और प्रबंधन में भी योगदान करेगा, जो कि भारत के पूर्वोत्तंर क्षेत्रों के विकास हेतु जापान के सहयोग से निर्माणाधीन है।
इस मौके पर, श्री साइतो मित्सु नोरी, प्रमुख प्रतिनिधि, जाएका इंडिया ने कहा, ”जाएका सड़क संपर्क में सुधार करने के भारत के प्रयासों में सहयोग करेगी। भारत में आर्थिक विकास की दृष्टि से सड़क संपर्क बेहतर बनाने के लिए राजमार्गों का विकास काफी महत्व पूर्ण है। पर्वतीय क्षेत्रों में यह और भी महत्वंपूर्ण हो जाता है ताकि उन इलाकों के अंदर तथा सीमा क्षेत्रों के साथ बेहतर संपर्क कायम रह सके। जाएका को उम्मीद है कि इस परियोजना से पर्वतीय राजमार्गों के परिचालन और रखरखाव से जुड़े संगठनों की संस्थागत क्षमता बढ़ाने में काफी योगदान मिलेगा। जाएका को उम्मीद है कि यह परियोजना पर्वतीय राजमार्गों की ढलानों पर आपदाओं के मूल्यां कन हेतु तकनीकी पुस्तिकाओं को तैयार करने, सड़क सुविधा संबंधी तकनीकी निरीक्षण मैनुअल को बेहतर बनाने तथा परियोजना गतिविधियों के अंतर्गत सुरंगों के परिचालन और रखरखाव (ओ एंड एम) मैनुअल तैयार करने में महत्वंपूर्ण रूप से योगदान करेगी।’

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