आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उस बयान पर भाजपा ने पलटवार किया है, जिसमें केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों को लेकर राज्य में आप के मुख्यमंत्री के चेहरे कर्नल अजय कोठियाल की तारीफ की गई है। भाजपा नेता एवं बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने सवाल उठाया कि यदि कर्नल कोठियाल ने केदारनाथ में अदभुत कार्य किया है तो फिर वह केदारनाथ से चुनाव लड़ने की हिम्मत क्यों नहीं जुटा पाए।
भाजपा नेता अजेंद्र ने कहा कि कर्नल कोठियाल इंटरनेट मीडिया में स्वयं को केदारनाथ का ‘आधुनिक भगीरथ’ व ‘देवदूत’ जैसे विशेषणों से सुशोभित कराते रहे हैं। ऐसे में वह केदारनाथ से भागकर गंगोत्री विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने क्यों गए। वह तो गंगोत्री विधानसभा क्षेत्र के मूल निवासी तक नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि कर्नल कोठियाल जब केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य करा रहे थे तो वे कोई समाज सेवा नहीं कर रहे थे। कर्नल कोठियाल एक सरकारी सेवक के रूप में अपनी इच्छा से वहां कार्य कर कर रहे थे। इसके लिए उन्हें वेतन, भत्ते और अन्य तमाम विशिष्ट सुविधाएं मिल रही थीं। उन्होंने कहा कि केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों में कितने घपले-घोटाले हुए, ये केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र की जनता जानती है।
उप्र में रहने वाले कार्मिकों को मिलेगा मतदान का अवकाश
शासन ने उत्तर प्रदेश में 10 एवं 23 फरवरी को होने वाले मतदान के लिए उत्तराखंड के उन कार्मिकों का अवकाश स्वीकृत किया है, तो उत्तर प्रदेश में रहते हैं। उत्तराखंड के सरकारी, अर्द्धसरकारी कार्यालयों व वाणिज्यिक संस्थानों में उत्तर प्रदेश के नागरिक काम करते हैं। उत्तर प्रदेश में सात चरणों में चुनाव होने हैं। इनमें 10 और 23 फरवरी को उत्तराखंड से सटे क्षेत्रों में मतदान होना है। उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने उत्तराखंड में कार्यरत उत्तर प्रदेश के इन मतदाताओं को मतदान के लिए अवकाश देने का अनुरोध किया था। इस क्रम में शासन ने उत्तर प्रदेश में रहने वाले कार्मिकों के लिए 10 व 23 फरवरी को अवकाश स्वीकृत कर दिया है।