देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा के कुल 70 नव निर्वाचित सदस्यों में से 19 ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। चुनाव सुधार हिमायती समूह ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (एडीआर) ने यह जानकारी दी है।
एडीआर ने कहा कि उसने ‘उत्तराखंड इलेक्शन वॉच’ के साथ मिलकर सभी 70 विजेता प्रत्याशियों के हलफनामों का विश्लेषण किया है। एडीआर के मुताबिक, 2022 में 70 में 19 विजेता उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। 2017 में 70 विधायकों में से 22 ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए थे।
उसने कहा कि 10 विजेता विधायकों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। जबकि पिछली बार 14 विधायकों पर ऐसे मुकदमे दर्ज थे। गंभीर अपराधों में पांच साल से अधिक सज़ा वाले,गैर जमानती,रिश्वतखोरी,हमला,हत्या,अपहरण,बलात्कार,भस्ट्राचार निरोधक कानून,महिलाओं पर अत्याचार शामिल है।
एडीआर के मुताबिक भाजपा के 47 विधायकों में से आठ पर मुकदमे दर्ज है। इसमे से पाँच पर गंभीर धाराएं लगी है। इसी तरह कांग्रेस के 19 में से आठ और बसपा के दो विजेता विधायकों में से एक ने अपने हलफनामों में अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी है।
उसके मुताबिक, विधानसभा पहुंचे दोनों निर्दलीय विधायकों ने भी अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं।खानपुर से जीते निर्दलीय विधायक उमेश कुमार पर सर्वाधिक 14 केस दर्ज है उनपर 33 गंभीर धाराएं भी लगी हुई है।इसके अलावा कांग्रेस के सुमित ह्रदयेश पर भी छह मुकदमे दर्ज है।