देहारादून। द कश्मीर फाइल्स से निकला हिन्दू-मुस्लिम का जिन अभी थमा भी नहीं है. वहीं योग नगरी ऋषिकेश से एक वरिष्ठ संत के आश्रम में मुसलमानों द्वारा नमाज पढ़े जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. जिसके बाद से धर्मनगरी हरिद्वार (Haridwar) के संतों द्वारा ऋषिकेश के संत का विरोध शुरू हो गया है. संतों का साफ कहना है कि ऐसे संत जो सनातन धर्म-संस्कृति का अपमान कर रहा है उसका बहिष्कार करते हुए मुह काला किया जाएगा।
क्या है मामला
सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रहा है. जिसमें ऋषिकेश के वरिष्ठ चिदानंद मुनि अपने आश्रम में कुछ मुस्लिम नेताओं के साथ बैठे हैं. जिसमें ऐसा लग रहा है जैसे कि मुस्लिम नेता उनके ऋषिकेश आश्रम में नमाज पढ़ रहे हो. फोटो के वायरल होने के बाद से धर्मनगरी हरिद्वार के संत, स्वामी चिदानंद मुनि से खासा नाराज दिखाई पड़ रहे हैं. हरिद्वार के शाम्भवी आश्रम में आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी आनंद स्वरूप की अध्यक्षता में संतों द्वारा बैठक कर चिदानंद मुनि का विरोध किया गया।
संतो के साथ बैठक के बाद स्वामी आनंद स्वरूप ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि गंगा के पावन तट को दूषित करने का जो कार्य चिदानंद मुनि द्वारा किया गया है उस पर हरिद्वार के संत उनको माफ नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि काली सेना ने ऐसे संत द्वारा किए गए इस कार्य को धर्म विरोध करार देते हुए सनातन धर्म से बाहर करने तथा निर्वाणी अखाड़ा से उन्हें बाहर करने की सलाह दी है. उनका कहना है कि ऐसे संत भगवा पहने के लायक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे संत केवल धन प्राप्ति के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं।