नई दिल्ली: भारत तिब्बत सीमा पुलिस आईटीबीपीद्ध ने आज जल विंग ने तेजपुर असम में अपना 10वां स्थापना दिवस मनाया। जल विंग की स्थापना 12 जून, 2012 को हुई थी। इस अवसर पर बोलते हुए मुख्य अतिथि डीआईजी ;तेजपुर जीसी पुरोहित ने कहा, जल विंग हमारे देश की सुरक्षा में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है। जलवायु परिवर्तन और लगातार आपदाएं भविष्य में इसका महत्व और बढ़ा देंगी।
वहींए जल विंग के स्थापना दिवस समारोह के दौरान डीआईजी जीसी पुरोहित, डॉ बलराज बेगराए डीआईजी ;मेडिकल, कमांडेंट आईबी झा, 55 बटालियन, डॉ0 दीपक पाण्डेय, कमांडेंट, वाटर विंग, श्री संजय कुमार, द्वितीय कमान, श्री आशुतोष बिष्ट, डिप्टी कमांडेंट, श्री प्रेम सिंह सहायक कमांडेंट, श्री भंवर सिंह सहायक कमांडेंट और कई अन्य अधिकारी सहित सैकड़ों अधीनस्थ अधिकारी और जवान मौजूद थे
दिल्ली आईटीबीपी मुख्यालय के प्रवक्ता विवेक पांडेय ने जानकारी देते हुए बताया कि उक्त कार्यक्रम में कमांडेंट वाटर विंग डॉ दीपक कुमार पांडेय ने अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पास संघर्ष परिदृश्य और जल निकायों की सुरक्षा में जल विंग की भूमिका के बारे बताया।
उन्होंने पेगोंग त्सो, सिंधु नदी, चांग चेनमो नदी और श्योक नदी की सुरक्षा में जल विंग की भूमिका पर विस्तार से बताया। उन्होंने लद्दाख में और उत्तर पूर्वी भारत में ब्रह्मपुत्र आदि जैसी कई नदियों में भी वाटर विंग की भूमिका के बारे में बताया। कार्यक्रम में वाटर विंग द्वारा अपनी पेशेवर क्षमता का उत्कृष्ट प्रदर्शन आयोजित किया गया।एक प्रदर्शन में नदियों में गश्त के अभियान को दिखाया गया।
अन्य प्रदर्शनों मेंए एक डूबते हुए पीड़ित को बचाने और नाव और एम्बुलेंस के माध्यम से उसे निकालने की अत्यधिक कठिन और विशिष्ट कार्रवाई दिखाई गई। यह वाटर विंग के कर्मियों की कार्यकुशलता और विपरीत परिस्थितियों में कार्य करने की दक्षता को दर्शाता है।
जल निकायों में गश्त करने, जल निकायों से जुड़े बीओपी को रसद सहायता प्रदान करने, जल आधारित आपदाओं के दौरान आपदा प्रबंधन में मदद करने और जल आधारित कार्यों में आईटीबीपी के कर्मियों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए आईटीबीपी की जल स्कंध की स्थापना की गई थी।
विवेक पांडेय ने बताया कि वाटर विंग एक अखिल भारतीय संगठन है जिसकी भूमिका हिमालय के सभी हिस्सों और गंगाए,ब्रह्मपुत्र, सिंधु और अन्य नदियों के आसपास के बाढ़ के मैदानों में निर्धारित हो सकती है।
वाटर विंग का मुख्यालय तेजपुर असम में है। यहां बगल में बहने वाली ब्रह्मपुत्र नदी इसके प्रशिक्षण के लिए उपयुक्त स्थान प्रदान करती है। आईटीबीपी लद्दाख के काराकोरम से अरुणाचल प्रदेश के जचेप ला तक 3384 किलोमीटर सीमा की रखवाली कर रहा है। इसे दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पर्वतीय सुरक्षा बलों में से एक माना जाता है।
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