December 23, 2024

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खतरे के निशान के करीब पहुंची गंगा सहित कई नदियां, आपदा की आहट तो नहीं!, बारिश के बाद पचास से ज्यादा गांवों में बाढ़ का अलर्ट

उत्तराखंड;  राज्य में पहाड़ों में दो दिनों से जारी बारिश की वजह से हरिद्वार में रविवार दोपहर बाद गंगा का जलस्तर चेतावनी निशान तक पहुंच गया। जलस्तर बढ़ते ही जिला प्रशासन अलर्ट हो गया। हालांकि एक घंटे बाद गंगा का जलस्तर कुछ कम हुआ था। इस साल यह पहला मौका है, जब चेतावनी निशान तक गंगा का जलस्तर पहुंचा है।

गंगा का चेतावनी स्तर 293 और खतरा 294 मीटर माना जाता है। शनिवार तक गंगा 292.80 मीटर तक पहुंच गई थी। रात में 292.60 तक गंगा का जलस्तर चल रहा था। रविवार दोपहर एक बजे अचानक जलस्तर 293 मीटर पहुंच गया। अधिकारियों को जानकारी दी गई। गंगा का जल स्तर बढ़ता देख भीमगोड़ा बैराज के गेट खोल दिए गए थे।

इसके बाद तीन बजे तक गंगा का जलस्तर 292.45 मीटर पर पहुंच गया। जिसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली। जल स्तर बढ़ने से कांगड़ी, गाजीवाला और श्यामपुर क्षेत्र में गंगा से सटे गांवों में दहशत का माहौल था। रात को गंगा के जल स्तर बढ़ने की संभावना को देखते हुए जिला प्रशासन ने तटीय इलाकों समेत बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया है।

इन गांवों में हुआ अलर्ट मोहनावाला, बादशाहपुर, खानपुर, तुगलपुर, इदरीशपुर, माड़ाबेला, चंद्रपुरी, शेरपुर बेला, लालढांग, कांगड़ी, सजनपुर पीली, चांदपुर, बांण गंगा, शाहपुर, आलमपुरा, प्रह्लादपुर, मदारपुर, याहियापुर, दाबकी खेड़ा, नाईवाला, जोगावाला, अब्दीपुर सहित अन्य गांवों में बाढ़ का खतरे को देखते हुए अलर्ट किया गया।

पशुलोक बैराज से अधिक मात्रा में जल छोड़े जाने के कारण, भीमगोड़ा बैराज पर जल स्तर चेतावनी निशान पर पहुंच गया था। चेतावनी का निशान 293 मीटर है। इस वजह से भीमगोडा बैराज से भी जल की निकासी की गई है।

लक्सर। भारी बारिश से गंगा और सोलानी नदी उफान पर हैं। रविवार को गंगा का जलस्तर चेतावनी के निशान (293 मीटर) के एकदम करीब पहुंच गया है। पानी बढ़ने से गंगा के आसपास के खेतों में फसल जलमग्न हो गई हैं। कई गांवों के संपर्क मार्गों पर भी पानी भर गया है। पानी बढ़ने से प्रशासन भी अलर्ट हो गया है।

पहाड़ी क्षेत्र में लगातार भारी बारिश हो रही है। हरिद्वार में भी दो दिन के भीतर अच्छी बारिश हो चुकी है। बरसात के कारण गंगा और सोलानी नदियां उफान पर हैं। गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। रविवार दोपहर को गंगा नदी में पानी का लेवल 292.80 मीटर तक पहुंच गया।

रकम सिंह, महेंद्र पाल शर्मा, बाबूराम और वेदपाल आदि किसानों ने बताया कि गंगा नदी में पहाड़ों का मटमैला पानी आ रहा है। पानी से गंगा के किनारे के आसपास के खेतों में खड़ी धान, गन्ना और चारे की करीब डेढ़ हजार बीघा फसलें जलमग्न हो गई हैं। बताया कि अगर एक सप्ताह के भीतर पानी न उतरा तो फसल खराब हो सकती है।

उधर, कलसिया, बालावाली, डुमनपुरी, पंडितपुरी समेत कई गांवों के संपर्क मार्गों पर भी एक से डेढ़ फुट पानी भर गया है। हालांकि पानी कम होने के कारण गांवों में ग्रामीणों की आवाजाही पर असर नहीं पड़ा है। प्रशासन ने गंगा व सोलानी के आसपास के तीस गांवों को अलर्ट कर दिया है।

ढाढेकी, मोहम्मदपुर, मथाना, सहीपुर, याहियापुर, हस्तमौली, बहादराबाद, सोंपरी, गंगदासपुर, बालावाली, गिद्धावाली, डुमनपुरी, पंडितपुरी, कुंआखेड़ा, मौहम्मदपुर, आलमपुरा, माड़ाबेला, शेरपुर बेला, दल्लावाला, दाबकी खेड़ा, जोगावाला, चंद्रपुरी व नाईवाला आदि।

गंगा के जलस्तर पर निगाह रखी जा रही है। अभी कहीं भी खतरे की संभावना नहीं है। फिर भी आपदा से निपटने के लिए तहसील प्रशासन पूरी तरह से तैयार है।

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