देहरादून; इस रक्षाबंधन भाई की कलाई में बंधे बहना के प्यार से हरियाली बढ़ाइए और वातावरण को शुद्ध करने में अहम भूमिका निभाइए। रक्षाबंधन के मौके पर बाजार में राखियों की भरमार है। लेकिन इस सबके बीच ‘सीड’राखी का खासा क्रेज दिखाई दे रहा है।
- पर्यावरण को भाई-बहन के प्यार भरे पर्व से जोड़ने के इस कान्सेप्ट को सामने लाने की पहल पूर्व मिस ग्रैंड इंटरनेशनल और समाज सेविका अनुकृति गुसाईं ने की है।
- यहा राखियां पूरी तरह ईको फ्रेंडली हैं और आनलाइन और आफलाइन उपलब्ध हैं।
- इन राखियों को फूल, फल और सब्जियों के बीजों से सजाया गया है।
- इस पहल का उद्देश्य भाइयों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देना है।
- राखी पर लगे जिस बीज से पौधा उगेगा, भाई उसकी रक्षा भी वैसे ही करने का संकल्प लेगा, जैसे वह अपनी बहन की करता है।
- अनुकृति गुसाईं ने बताया कि यलो हिल्स की ओर से यह सीड राखी तैयार की जा रही है। यह पहल महिलाओं को रोजगार देने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी देगी।
- इस पहल का मकसद उत्तराखंडी उत्पादों को प्रमोट करना है।
- इस राखी में प्लास्टिक का प्रयोग नहीं किया गया है।
- इसमें मौसमी फल, फूल और सब्जियों के बीज सजाए गए हैं।
- पर्यावरण को हरा भरा करेगी सीड राखी।बीज से बने पौधे की रक्षा का भी संकल्प लेगा भाई अनुकृति ने बताया कि रक्षाबंधन के पर्व पर बहन अपने भाई की कलाई पर प्यार की डोर बांधती है और भाई बहन की रक्षा का संकल्प लेता है। इस राखी को तैयार करने के पीछे भी सोच यही थी कि भाई बहन की तरह ही बहन की राखी से गिरने वाले बीज से बने पौधे की रक्षा का भी संकल्प लेगा।
पर्यावरण को हरा भरा करेगी सीड राखी।
कई महिलाओं को मिल रहा रोजगार
राखी को गेंदा, नींबू, भिंडी, बीन्स, हरा धनिया और राजमा के बीजों से सजाया गया है। पर्यावरण को हरा भरा बनाने में हमारा यह छोटा-सा प्रयास है जो आगे चलकर अहम भूमिका निभाएगा। साथ ही इसके जरिये कई महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है।