देहरादून ; कर्मचारियों के आंदोलन के बाद भले ही उत्तराखंड परिवहन निगम ने निजी एजेंसी के जरिये चल रही 589 चालक व परिचालकों की भर्ती प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी हो, लेकिन एजेंसी अभी भी परिवहन निगम के नाम पर आवेदन मांग रही है। वेबसाइट पर एजेंसी ने परिवहन निगम में भर्ती के नाम से भर्ती आवेदन मांगे हुए हैं और हर आवेदक से 375 रुपये शुल्क लेकर पंजीकरण भी किया जा रहा है। यही नहीं, एजेंसी ने पता भी निगम मुख्यालय का दिया हुआ है और भर्ती के लिए चिह्न भी निगम का लगाया हुआ है।
मिली जानकारी के अनुसार, विज्ञापन देखकर रोज सैकड़ों चालक एवं परिचालक आवेदन कर पंजीकरण करा रहे हैं। इस संबंध में शिकायत मिलने पर निगम मुख्यालय की ओर से एजेंसी को नोटिस भेजा जा रहा है। 31 अगस्त को चालक.परिचालकों की भर्ती पर लगा दी गई रोक ।
परिवहन निगम की ओर से एक माह पूर्व रुड़की की एक एजेंसी को 233 चालक व 356 परिचालक उपलब्ध कराने का जिम्मा दिया गया था। एजेंसी ने 13 अगस्त से इस संबंध में प्रक्रिया शुरू की।
मिली जानकारी के अनुसार, एजेंसी ने अपने विज्ञापन में परिवहन निगम में चालक और परिचालकों की भर्ती का जिक्र किया। साथ ही आनलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं। जिसमें आवेदन शुल्क व पंजीकरण के नाम पर हर आवेदक से 375 रुपये आनलाइन जमा भी कराए जा रहे। इसमें लेनदेन के आरोप तक लग रहे थे।
इस बीच कर्मचारी संगठनों की ओर से एजेंसी से भर्ती का विरोध शुरू कर दिया गया। जिस पर 24 अगस्त को निगम के प्रबंध निदेशक रोहित मीणा ने कर्मचारी संगठनों की एक समिति बनाकर चालक व परिचालकों की उपलब्धता व आवश्यकता की रिपोर्ट मांग ली। समिति की ओर से 30 अगस्त को रिपोर्ट देकर बताया गया कि इस समय निगम में नए चालक एवं परिचालकों की कोई आवश्यकता नहीं है। जिस पर 31 अगस्त को प्रबंध निदेशक की अध्यक्षता में हुई बैठक में एजेंसी से चालक-परिचालकों की भर्ती पर रोक लगा दी गई।
कर्मचारियों का आरोप है कि रोक के बावजूद निगम के नाम का इस्तेमाल कर एजेंसी भर्ती प्रक्रिया को जारी रखे है। कर्मचारियों ने इसे चालक व परिचालकों से ठगी का प्रयास बताते हुए विज्ञापन से निगम का नाम व चिह्न हटाने की मांग की है। महाप्रबंधक दीपक जैन का कहना है कि एजेंसी को नोटिस भेज निगम का नाम एवं चिह्न हटाने के लिए कहा जा रहा।
बस संचालन पर निगम में वर्तमान में 803 नियमित और 1687 विशेष श्रेणी एवं संविदा परिचालक तैनात हैं। इसके साथ ही 622 नियमित व 1345 विशेष श्रेणी संविदा चालक बस संचालन करते हैं।
इन सभी के लिए रोज 240 किमी जबकि माह में 7200 किमी बस संचालन की बाध्यता है। जिसमें नियमित चालक-परिचालक को एक महीने में आठ जबकि विशेष श्रेणी एवं संविदा के चालक-परिचालक को चार अवकाश दिए जाते हैं।
वर्तमान में रोज निगम की 806 व 332 अनुबंधित बसों का संचालन होता है। हालांकि, निगम की वास्तविक बस संख्या 943 है। निगम में इस समय 296 नियमित चालक व परिचालक ऐसे हैं, जो बसों का संचालन नहीं कर रहे।
इनमें 126 चालक स्टाफ कार का संचालन व अन्य कार्यों पर लगे हुए हैं, जबकि 71 चालक अक्षम हैं। इसी तरह से 94 नियमित परिचालक अन्य कार्य कर रहे, जबकि 15 परिचालक अक्षम हैं। समिति की रिपोर्ट के बाद अन्य कार्य करने वाले चालक-परिचालकों को एक सितंबर से बस संचालन में लगाया गया है।
संपादन: अनिल मनोचा