उत्तराखंड; प्रदेश के सभी चयन आयोग, बोर्ड, निगम और विश्वविद्यालयों के माध्यम से होने वाली भर्ती परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए सरकार आगामी विधानसभा सत्र में विधेयक लाएगी। विधेयक का ड्राफ्ट तैयार हो गया है। विधानसभा से पूर्व इसे प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी के लिए लाया जाएगा।
मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि नकल रोकने के लिए बनाए जा रहे कानून में बेहद कड़े प्रावधान किए गए हैं। ड्राफ्ट पूरी तरह से तैयार है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, उत्तराखंड सरकारी सेवाओं में नकल निषेध अधिनियम 2022 में नकल करने वाले उम्मीदवार पर एक लाख रुपये जुर्माने के साथ सजा का भी प्रावधान होगा। ऐसे मामलों में दो से तीन साल की सजा और परीक्षाओं से दो से पांच साल के लिए डिबार करने का प्रस्ताव किया गया है।
हालांकि इसमें संशोधन की संभावना भी जताई जा रही है। पेपर लीक में एजेंसी के लिप्त पाए जाने पर भारी भरकम जुर्माना और पांच से सात साल की सजा हो सकती है। नकल माफिया या गिरोह की भूमिका पकड़ में आने पर 20 साल तक की सजा के अलावा संपत्ति कुर्की और 10 लाख तक जुर्माना हो सकता है।