उत्तराखंड; आयुष्मान कार्ड पर गर्भवती महिलाओं को निजी अस्पतालों में सिजेरियन डिलीवरी की सुविधा के लिए केंद्र से फिलहाल छूट नहीं मिली है। अब दोबारा से राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण को पुनर्विचार के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा। पर्वतीय क्षेत्रों के सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में सुविधा नहीं होने से गर्भवती महिलाओं को इमरजेंसी में सिजेरियन की सुविधा नहीं मिल रही है।
मिली जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार की ओर से मातृ-शिशु सुरक्षा के लिए जननी सुरक्षा योजना चलाई जा रही है, जिसमें गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण, जांच, प्रसव, दवाइयां, अस्पताल तक आने-जाने की सुविधा निशुल्क दी जा रही है। इसके अलावा गर्भवती महिला को प्रसव के बाद सहायता राशि दी जाती है।
इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने आयुष्मान योजना में निजी अस्पतालों के पैकेज से सिजेरियन डिलीवरी को हटा दिया है। पूर्व में आयुष्मान कार्ड से इमरजेंसी में गर्भवती महिलाओं को सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में भर्ती कर सिजेरियन से डिलीवरी की सुविधा दी थी।
केंद्र सरकार ने अगस्त 2022 से इस सुविधा को इलाज पैकेज से हटा दिया है। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए केंद्र से आयुष्मान योजना में सिजेरियन डिलीवरी के लिए छूट देने का आग्रह किया था, लेकिन अभी तक कोई राहत नहीं मिली है। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया का कहना है कि सिजेरियन डिलीवरी में राज्य को राहत देने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सामने दोबारा से मामले को रखा जाएगा।
संपादन: अनिल मनोचा