उत्तराखण्ड; कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए बूस्टर डोज लगाने को कोविशील्ड वैक्सीन नहीं है। जिलों में कोविशील्ड वैक्सीन की डोज नहीं है। जिस कारण लोगों को कोविशील्ड की बूस्टर डोज नहीं पा रही है। हरियाणा व अन्य राज्यों से सरप्लस में मिली कोवॉक्सिन वैक्सीन से ही टीकाकरण चल रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार, कोरोना महामारी की संभावित चौथी लहर की आहट को लेकर सरकार ने प्रदेश भर में बूस्टर लगवाने से छूट गए लोगों के लिए कैंप लगाकर अभियान चलाने के निर्देश दिए। साथ ही सरकार ने केंद्र सरकार ने तीन लाख वैक्सीन उपलब्ध कराने का आग्रह किया था। कोविशील्ड वैक्सीन न होने के कारण बूस्टर डोज लगाने का काम बाधित हो गया है। जिन लोगों ने पहली व दूसरी डोज कोविशील्ड की लगाई है, उन्हें बूस्टर डोज के लिए जिलों के पास वैक्सीन नहीं है।
केंद्र सरकार की ओर से अब खरीद कर राज्यों को वैक्सीन उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। जिन राज्यों के पास सरप्लस वैक्सीन है, वहां से दूसरे राज्यों को दी जा रही है। इससे पहले हिमाचल प्रदेश से उत्तराखंड को 50 हजार वैक्सीन मिली थी। हाल ही में हरियाणा व अन्य राज्यों से कोवॉक्सिन की 70 हजार वैक्सीन मिली थी। इसे स्वास्थ्य विभाग ने जिलों को उपलब्ध करा दी थी। वर्तमान में जिलों के पास बूस्टर डोज के लिए कोवॉक्सिन ही है।
सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार का कहना है कि केंद्र सरकार से तीन लाख वैक्सीन मांगी गई हैं। इसके लिए केंद्र से लगातार संपर्क किया जा रहा है। राज्य में कोविशील्ड वैक्सीन की कमी है। जल्द ही केंद्र की ओर से 91 हजार कोविशील्ड वैक्सीन उपलब्ध कराई जा रही हैं।
संपादन: अनिल मनोचा