उत्तराखंड; जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव से स्थिति लगातार बिगड़ रही है। भू-धंसाव ने क्षेत्र के सभी वार्डों को चपेट में ले लिया है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पीएमओ लगातार मामले की निगरानी कर रहा है। अब तक 70 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा चुका है।
मिली जानकारी के अनुसार, तेजी से हो रहे भू-धंसाव का दायरा भारत-तिब्बत सीमा को ओर बढ़ने लगा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि भू-धंसाव की घटना पर जल्द ही प्रभावी रोक नहीं लगी तो ये देश की सुरक्षा को भी खतरा पैदा कर सकता है।
जोशीमठ से भारत-तिब्बत सीमा महज 100 किलोमीटर दूर है। भू-धंसाव का क्षेत्र सैन्य क्षेत्र और आईटीबीपी के मुख्यालय की ओर बढ़ना शुरू हो गया है। सैन्य क्षेत्र में जाने वाली सड़क भी धंसनी शुरू हो गई है। जोशीमठ में भारतीय सेना का ब्रिगेड मुख्यालय और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की एक बटालियन तैनात है। जोशीमठ भारत-तिब्बत सीमा (चीन के अधिकार क्षेत्र) का अंतिम शहर है। यहां से नीती और माणा घाटियां भारत-तिब्बत सीमा से जुड़ती हैं। भू-धंसाव का क्षेत्र बढ़ता रहा तो यहां जवानों का रहना मुश्किल हो जाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्थिति में देश की सुरक्षा को भई खतरा पैदा हो सकता है।
संपादन: अनिल मनोचा