उत्तराखण्ड; गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार और आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने भू-वैज्ञानिकों की टीम के साथ जोशीमठ में भू-धंसाव को लेकर प्रभावित क्षेत्रों का गहन सर्वेक्षण किया। गढ़वाल आयुक्त ने सुरक्षा के दृष्टिगत जोशीमठ में एनडीआरएफ दल की तैनाती के निर्देश दिए।
मिली जानकारी के अनुसार, आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने कहा कि जोशीमठ नगर में भू-धंसाव के कारणों की जांच की जा रही है। टीम की ओर से हर नजरिए से समस्या का आंकलन किया जा रहा है। घरों में दरारें चिंताजनक हैं। अभी तात्कालिक रूप से प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करना हमारी प्राथमिकता है। स्थायी रूप से जो भी निर्माण कार्य हो सकते हैं उसका प्लान तैयार किया जाएगा। ड्रेनेज सिस्टम पर जल्द ही कार्य शुरू होने वाला है। साथ ही सभी घरों को सीवर से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशों पर जोशीमठ में भू-धंसाव की समस्या को रोकने के लिए टीम प्रत्येक नजरिए से जांच कर रही है।
शुक्रवार को टीम ने जोशीमठ के सुनील गांव, मनोहर बाग, सिंहधार, जेपी कॉलोनी, मारवाड़ी, विष्णुप्रयाग, रविग्राम, गांधीनगर क्षेत्र का घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया। साथ ही टीम ने तपोवन पहुंच कर एनटीपीसी की निर्माणाधीन परियोजना टनल के बाहरी हिस्से के साथ ही टनल के अंदर संचालित कार्यों का जायजा लिया।
निरीक्षण के दौरान गढ़वाल आयुक्त व आपदा सचिव के अलावा आपदा प्रबंधन के अधिशासी अधिकारी पीयूष रौतेला, एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट रोहितास्व मिश्रा, भूस्खलन न्यूनीकरण केंद्र के वैज्ञानिक शांतनु सरकार, आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर डॉ. बीके माहेश्वरी, राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान रुड़की के गोपालकृष्णन, भू-वैज्ञानिक दीपक हटवाल, वाडिया इंस्टीट्यूट की विशेषज्ञ स्वप्निल, सीडीओ डॉ. ललित नारायण मिश्र, एडीएम डॉ. अभिषेक त्रिपाठी, संयुक्त मजिस्ट्रेट दीपक सैनी, पुलिस उपाधीक्षक प्रमोद शाह और तहसीलदार रवि शाह आदि मौजूद थे।
संपादन: अनिल मनोचा