उत्तराखण्ड; जोशीमठ से लौटकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार एक्शन में रहे। उन्होंने भू धंसाव के संकट से जूझ रहे जोशीमठ की विस्तृत सेटेलाइट तस्वीरें जुटाने के निर्देश दिए। इसके लिए उन्होंने राष्ट्रीय सुदूर संवदन केंद्र (एनआरएससी) हैदराबाद और भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान (आईआईआरएस) से सहयोग की अपील की।
मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थायी पुनर्वास के लिए जिन स्थानों को चिन्हित किया गया है, वहां लोगों को बसाये जाने से पहले भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण करा लिया जाए। उन्होंने इस कार्य को तेजी से कराने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने उप महानिदेशक भारतीय भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण संस्थान से कोटी फार्म, जड़ी बूटी संस्थान, उद्यान विभाग की जोशीमठ स्थित भूमि एवं पीपलकोटी की सेमलडाला स्थित भूमि की पुनर्वास की उपयुक्तता का भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराने का अनुरोध किया।
केंद्रीय संस्थानों के निदेशकों से भी सहयोग मांगा : मुख्यमंत्री ने निदेशक आईआईटी रूड़की, निदेशक वाडिया इंस्टीट्यूट आफ हिमालयन जियालॉजी, निदेशक नेशनल इंस्टीटयूट आफ हाइड्रोलॉजी रूड़की एवं निदेशक सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टियूट रूड़की से भी जोशीमठ क्षेत्र का अपने स्तर से विस्तृत सर्वेक्षण एवं अध्ययन कर रिर्पोट प्रस्तुत करने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जोशीमठ क्षेत्र के सर्वेक्षण अध्ययन के लिए केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के स्तर पर विभिन्न संस्थान आपसी समन्वय से काम करें। इससे तेजी के साथ स्थायी कारगर प्रयास सार्थक हो सकेंगे। उन्होंने आपदा प्रबंधन केंद्र को और अधिक प्रभावी बनाए जाने निर्देश दिए।
संपादन: अनिल मनोचा