December 26, 2024

Devsaral Darpan

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जोशीमठ;  सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चमोली जिले के जोशीमठ शहर में स्थित सेना के बेस कैंप को फिलहाल कोई खतरा नहीं है। आपदा प्रबंधन विभाग ने स्पष्ट किया कि बेस कैंप को खाली कराने के कोई आदेश नहीं दिए गए हैं। सेना की तरफ से भी ऐसी कोई बात सामने नहीं आई है।

मिली जानकारी के अनुसार,  जोशीमठ में सेना के बेस कैंप के साथ ही आईटीबीपी और स्काउट गाइड का मुख्यालय भी स्थित है, जो नगर के ठीक ऊपर रविग्राम और डांडो तक करीब तीन किमी हिस्से में फैला है। बीते दिवस कुछ मीडिया रिपोर्ट में सेना के बेस कैंप को खाली कराने की खबरें सामने आने के बाद उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने स्पष्ट किया कि ऐसा कोई मामला नहीं है। सेना का बेस कैंप पूरी तरह से सुरक्षित है।

बेस कैंप की तरफ जाने वाली कुछ सड़कों में जरूर दरारें देखी गई हैं। कुछ परिवार जो परिसर से बाहर रह रहे थे, उन्हें सुरक्षा की दृष्टि से स्काउट हॉस्टल में शिफ्ट किया गया है। बताते चलें कि भारत-चीन के बीच 345 किमी लंबी सीमा उत्तराखंड से लगी है। इनमें से करीब 100 किमी हिस्सा चमेेली जिले में पड़ता है। जोशीमठ से ही सीमा संबंधी गतिविधियां संचालित की जाती हैं।

सेना का बेस कैंप पूरी तरह से सुरक्षित है। वहां दरारें नहीं आई हैं। सैनिकों के कुछ परिवार जो शहर के आपदाग्रस्त हिस्से में किराये के कमरों में रह रहे थे, उनके जरूर वहां से शिफ्ट करने की बात सामने आई है। फिलहाल सैन्य प्रशासन की ओर से भी जिला प्रशासन को ऐसी कोई सूचना नहीं दी गई है।
– डॉ. रंजीत सिन्हा, सचिव, आपदा प्रबंधन विभाग

संपादन: अनिल मनोचा

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