उत्तराखण्ड; बाबा केदार के दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं को जल्द केदारनाथ में इलेक्ट्रिक वाहन की सुविधा भी मिलेगी। दूसरे चरण के पुनर्निर्माण कार्य पूरे होते ही धाम में वाहन का ट्रायल किया जाएगा। वाहन बेस कैंप से जीएमवीएन स्वर्गारोहिणी तक संचालित होंगे।
पर्यावरण संरक्षण के साथ बजुर्ग, बच्चों, महिलाओं और दिव्यांग श्रद्धालुओं की मंदिर तक सुलभ पहुंच के लिए केदारनाथ में इलेक्ट्रिक वाहन संचालित करने की योजना बनाई गई है। पहले चरण में यहां दो इलेक्ट्रिक वाहन चलाए जाएंगे। वाहन के संचालन के लिए गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग को बेस कैंप से स्वर्गारोहिणी तक सुरक्षित किया जाएगा।
गौरीकुंड से केदारनाथ आने वाले श्रद्धालु रुद्रा प्वाइंट पहुंचने तक थकान से चूर हो जाते हैं। जैसे-तैसे यात्री बेस कैंप तक पहुंच जाता है लेकिन यहां से मंदिर तक की लगभग दो किमी की दूरी भी कई गुना अधिक लगने लगती है जबकि यह पूरा क्षेत्र सीधा है। इसलिए धाम के इस हिस्से में इलेक्टि्रक वाहन का संचालन किया जाएगा। सब कुछ ठीक रहा तो इसी यात्राकाल में इलेक्टि्रक वाहन का ट्रायल किया जाएगा जिसके बाद संचालन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
ऑल टेरेन व्हीकल से भी होगी सवारी : आने वाले दिनों में केदारनाथ पहुंचने वाले श्रद्धालु ऑल टेरेन व्हीकल से भी सवारी कर सकेंगे। यह वाहन बेस कैंप से स्वर्गारोहिणी, हेलिपैड से संगम होते हुए सरस्वती नदी किनारे बने आस्था पथ तक संचालित होगा। साथ ही एमआई-17 हेलिपैड से शिव उद्यान तक चलाया जाएगा। बता दें कि केदारनाथ पुनर्निर्माण में वाहन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
पूर्व राष्ट्रपति व पीएम भी कर चुके एटीवी की सवारी : पूर्व राष्ट्रपति स्व. प्रणव मुखर्जी, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी केदारनाथ पहुंचने पर ऑल टेरेन व्हीकल की सवारी कर चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इसी वाहन से पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया है। वाहन को केदारनाथ पहुंचाने का श्रेय नेहरू पर्वतारोहण संस्थान को है।