उत्तराखंड; उत्तराखंड सरकार की ओर से निजी विश्वविद्यालयों के लिए अधिनियम 2023 (अंब्रेला) की अधिसूचना जारी करने के बाद से अब राज्य के 22 निजी विवि की मनमानियों पर अंकुश लगेगा। अंब्रेला एक्ट के बाद अब विवि के फीस निर्धारण में न केवल राज्य सरकार का दखल होगा, बल्कि एक बार फीस निर्धारित होने पर तीन शैक्षणिक सत्र (तीन साल) में बदलाव नहीं हो सकेगा।
उधर, अंब्रेला एक्ट के जरिए विवि में दो बड़े पदों को समाप्त कर निजी विश्वविद्यालयों में पदों के नाम पर धमक को भी कम कर दिया है। प्रदेश सरकार ने 31 जनवरी को अंब्रेला एक्ट की अधिसूचना जारी किया। इसके बाद से जिले के पांच निजी विवि के संचालन में भी अब काफी परिवर्तन दिखेगा। नए एक्ट की उपधारा 16 के तहत अब विवि में नियुक्त अध्यक्ष विवि का प्रमुख भी होगा।
साथ ही व्यवस्थापक मंडल का पदेन अध्यक्ष होगा। इसके अलावा अध्यक्ष का पद पर बने रहना विवि के हित में नहीं है तो प्रायोजक निकाय, अध्यक्ष को पद से हटा भी सकेगा। इससे पूर्व के एक्ट में विवि प्रबंधन की ओर से विवि में कुलाधिपति और प्रति कुलाधिपति की नियुक्ति की जाती थी, जो अब नहीं होगी। एक्ट के बाद प्राइवेट विवि में कुलाधिपति एवं प्रतिकुलाधिपति का पद समाप्त कर दिया गया है।