December 23, 2024

Devsaral Darpan

News 24 x 7

उत्तराखंड-ः मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जंगल की आग से चार की मौत पर हुए सख्त, कुमाऊं के दो अफसर सस्पेंड, एक को किया अटैच !!

उत्तराखंड;  शासन ने बिनसर वन्यजीव विहार में जंगल की आग की चपेट में आने से चार वन कर्मियों की मौत और चार कर्मचारियों के गंभीर रूप से झुलसने के मामले में प्रथम दृष्टया लापरवाही बरतने पर डीएफओ सिविल सोयम धुव्र सिंह मर्तोलिया और वन संरक्षक (उत्तर) कोको रोसे को निलंबित कर दिया है। वहीं, मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं प्रसन्न पात्रो को प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) कार्यालय से अटैच किया गया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले में कड़ा रुख दिखाते हुए उत्तरदायी अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। नई व्यवस्था के तहत शासन ने डीएफओ सिविल सोयम की जिम्मेदारी नैनीताल वन प्रभाग में तैनात एसीएफ हेम चंद्र गहतोड़ी को सौंपी है। पश्चिम वृत्त के वन संरक्षक विनय भार्गव को वन संरक्षक उत्तर का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है। कार्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक धीरज पांडे को मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।

ये है मामला :  गुरुवार शाम को बिनसर अभयारण्य में लगी जंगल की आग बुझाने पहुंचे वन विभाग के एक वन बीट अधिकारी, दो फायर वाचर समेत चार लोगों की जलकर मौत हो गई थी। जबकि चार अभी भी गंभीर हैं। उन्हें हायर सेंटर रेफर किया गया। आग इतनी विकराल थी कि फायर वाचरों और पीआरडी के जवानों को इससे बचने का मौका तक नहीं मिला। वन विभाग के अधिकारियों को टीम के जंगल में फंसे होने की जानकारी मिली तो वन क्षेत्राधिकारी मनोज सनवाल और अन्य कर्मचारी मौके पर पहुंचे। तब तक चार लोगों की मौत हो चुकी थी।

इनकी हुई मौत : वनाग्नि में वन बीट अधिकारी बिनसर रेंज त्रिलोक सिंह मेहता (40) पुत्र नारायण सिंह, निवासी उडलगांव बाड़ेछीना, दैनिक श्रमिक दीवान राम (35) पुत्र पदी राम निवासी ग्राम सौड़ा कपड़खान, फायर वाचर करन आर्या (21) पुत्र बिशन राम निवासी कफड़खान और पीआरडी जवान पूरन सिंह (50) पुत्र दीवान सिंह निवासी ग्राम कलौन की मौके पर ही मौत हो गई।

ये हुए घायल :   फायर वाचर कृष्ण कुमार (21) पुत्र नारायण राम निवासी ग्राम भेटुली, पीआरडी जवान कुंदन सिंह नेगी (44) पुत्र प्रताप नेगी निवासी ग्राम खांखरी वाहन चालक भगवत सिंह भोज (38) पुत्र बची सिंह निवासी ग्राम भेटुली,दैनिक श्रमिक कैलाश भट्ट (54) पुत्र बद्रीदत्त भट्ट निवासी ग्राम धनेली, अल्मोड़ा गंभीर रूप से झुलस गए।

24 घंटे में 17 जगह धधके जंगल :  प्रदेश में 24 घंटे में जंगल की आग की 17 घटनाएं रिपोर्ट हुई हैं। इनमें गढ़वाल मंडल में सात और कुमाऊं मंडल और वन्यजीव क्षेत्र में पांच-पांच घटनाएं हुई हैं। इन घटनाओं में 33.53 हेक्टेयर क्षेत्रफल में वन संपदा को नुकसान पहुंचा है। राज्य में नवंबर-2023 के बाद से अब तक जंगल की आग की 1237 घटनाएं हो चुकी हैं, इनमें 1691 हेक्टेयर क्षेत्रफल में वन संपदा को नुकसान हुआ है।

10 हजार से अधिक कर्मी तैनात : जंगल की आग पर नियंत्रण के लिए राज्य में वन संरक्षक स्तर से लेकर फायर वॉचर, दैनिक श्रमिक समेत 10 हजार से अधिक कर्मी तैनात हैं। वहीं, वन विभाग के पास सबसे अधिक 127 फायर अलर्ट पांच मई को आए थे, इस महीने एक जून को 76 अलर्ट मिले थे।

एक दिन का वेतन देने की घोषणा : भारतीय वन सेवा ने प्रभावितों की मदद के लिए एक दिन का वेतन देने की घोषणा की है। वाहन चालक संघ, वन आरक्षी संघ, सहायक कर्मचारी संघ, उप वन क्षेत्राधिकारी संगठन, वन क्षेत्राधिकारी संगठन व मिनिस्टि्यल संघ ने भी एक-एक दिन का वेतन देने की सहमति दी है। इसके अलावा मृतकों के परिजनों को दैवीय आपदा कोष से अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी। विश्व प्रकृति निधि से भी मृतकों के परिजनों को तीन-तीन लाख रुपये दिए जाएंगे।

घटना में जो दोषी अधिकारी थे, उनको निलंबित कर दिया गया है। यह सीधे-सीधे चेतावनी है। चूंकि लंबे समय से कहते रहे हैं कि उच्चाधिकारी धरातल पर जाकर चीजों को देखें, कोई लापरवाही न बरतें। वहीं गंभीर झुलसे कर्मियों को एयरलिफ्ट से दिल्ली शिफ्ट कर दिया गया है। ईश्वर से प्रार्थना है कि वह जल्द स्वस्थ होकर अपने घर लौटें।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री
news