उत्तराखंड; अढ़तीसवें राष्ट्रीय खेलों के लिए पहले से निर्धारित खेलों में उत्तराखंड के सात पारंपरिक खेलों को भी शामिल करने के लिए खेल मंत्री रेखा आर्या ने केंद्रीय खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया से गत दिन मुलाकात की। उनसे आग्रह किया कि योगासन, मलखंभ, लागोरी (पिट्ठू), कराटे, पावर लिफ्टिंग, राफ्टिंग और स्पीड क्लाइंबिंग को भी राष्ट्रीय खेलों की सूची में शामिल किया जाए। इससे इन खेलों विजेताओं को मेडल भी मिल सकेंगे।
इस मुलाकात के बाद खेल मंत्री ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय खेल सचिवालय में समीक्षा बैठक की। बैठक में बताया कि केंद्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया है कि उनके पारंपरिक खेलों को राष्ट्रीय खेलों की सूची में शामिल किया जाएगा। आश्वासन मिला है तो खेल अधिकारी पारंपरिक खेलों के आयोजन और इनसे संबंधित उपकरणों की खरीद की तैयारी रखें। राज्य की कोशिश है कि पारंपरिक खेल सिर्फ प्रदर्शन के तौर पर न हों, बल्कि अन्य खेलों की तरह ये भी मेडल के लिए खेले जाएं। इस विषय को भारतीय ओलंपिक संघ अध्यक्ष पीटी ऊषा के उत्तराखंड दौरे पर आने पर उनके सामने रखा जाएगा।
सभी शेष कार्य 30 दिसंबर तक पूरे होंगे, कॉलेज के छात्र बनेंगे स्वयंसेवक
खेल मंत्री ने समीक्षा बैठक में खेल आयोजन से जुड़े सभी आधारभूत निर्माण कार्य और संसाधन जुटाने का काम 30 दिसंबर तक पूरे करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि खेलों के दौरान बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों की आवश्यकता होगी, जिसके लिए डिग्री कॉलेज के छात्रों को जोड़ने के लिए जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं, ताकि नौजवानों को भी राष्ट्रीय खेलों के आयोजन को नजदीक से देखने और महसूस करने का अनुभव मिले। इससे खेल व देश भावना के प्रति उनका रुझान बढ़ेगा।
खिलाड़ियों को दोगुने इनाम का जीओ जारी न होने पर नाराजगी : मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय खेलों में पदक लाने वाले खिलाड़ियों के इनाम की राशि दोगुनी करने की घोषणा की थी, जिससे संबंधित शासनादेश अभी तक जारी नहीं होने पर खेल मंत्री ने नाराजगी जताई। यह प्रस्ताव वित्त के समक्ष लंबित है। इस संबंध में मुख्य सचिव से शीघ्र कार्यवाही के लिए बात करने की बात कही। साथ ही महिला खेल विश्वविद्यालय के लिए 264 करोड़ की धनराशि जल्द निर्गत करने के निर्देश दिए।