उत्तराखंड; नगर निकाय चुनाव में इस बार 30,83,500 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। चुनाव बैलेट पेपर पर होंगे। एक मतदाता अपने वार्ड प्रत्याशी के अलावा एक वोट मेयर या अध्यक्ष के लिए भी कर सकेगा। राज्य में 601 संवेदनशील और 422 अति संवेदनशील मतदान स्थल बनाए गए हैं।
राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार के मुताबिक, 2018 के निकाय चुनाव में प्रदेश में 25,36,408 मतदाता थे, जिनकी संख्या इस बार बढ़कर 30,83,500 पर पहुंच गई है। आयोग ने दिसंबर महीने में तीन दिन का विशेष अभियान चलाया, जिसमें 24,948 नए मतदाता बने। इनमें 10,328 मतदाता ऐसे हैं जो पहली बार वोट करेंगे। चुनाव में इस बार 15,89,467 पुरुष, 14,93,519 महिला, 514 अन्य मतदाता होंगे। इस बार चुनाव नतीजे भी आयोग की वेबसाइट पर लाइव प्रसारित किए जाएंगे।
422 अति संवेदनशील मतदान केंद्र : राज्य में कुल 1518 मतदान केंद्र और 3393 मतदेय स्थल हैं। इनमें से 601 मतदान केंद्रों के 1292 मतदेय स्थल संवेदनशील होंगे। 422 मतदान केंद्रों के 1078 मतदेय स्थल अति संवेदनशील हैं। सात नगर निगमों में महिलाओं के लिए 70 पिंक बूथ बनाए गए हैं। इनमें देहरादून में 20, ऋषिकेश में पांच, हरिद्वार में 10, रुड़की में पांच, रुद्रपुर में 15, काशीपुर में पांच और हल्द्वानी में 10 वार्डों में पिंक बूथ बनाए गए हैं।
दिव्यांग मतदाताओं को विशेष सुविधा : निकाय चुनाव में दिव्यांग मतदाताओं को विशेष सुविधा मिलेगी। जो दिव्यांग मतदाता चलने-फिरने में असमर्थ हैं, उन्हें घर से मतदान केंद्र तक परिजन वाहन से ला सकते हैं। अगर परिजन के पास वाहन नहीं होगा तो जिलाधिकारी स्तर से ऐसे मतदाता को मतदान केंद्र लाने-ले जाने के लिए सरकारी वाहन उपलब्ध कराया जाएगा।