December 23, 2024

Devsaral Darpan

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गुलाम नबी आजाद ने कहा- सब कुछ बनो मगर अपनी काबलियत के दम और सेवा के दम पर

राजनीति सबसे बड़ा शैतान है, यह सभी शैतानों का बाबे आदम है। यह बात पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने क्रिश्चियन कॉलोनी में संबोधन के दौरान कही। वह यहां क्रिसमस पर आयोजित कार्यक्रम में विशेष रूप से हिस्सा लेने पहुंचे थे। आजाद ने लोगों को मानवता और सच्चाई के रास्ते पर चलने की अपील की। इससे पहले बिशप डॉ.संतोष थॉमस ने सभी को क्रिसमस का संदेश दिया और सभी को क्रिसमस की शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर अपने संबोधन में गुलाम नबी आजाद ने कहा कि वह दुनिया के तीन दर्जन से अधिक देशों में क्रिसमस उत्सव और कार्यक्रम में शामिल हो चुके हैं। जो मजा ऊधमपुर में आया वह लाजबाव है

इस कार्यक्रम में क्रिशियन, इस्लाम, हिंदु सभी धर्म और डोगरी होने के कारण इसमें काफी अपनापन था। उन्होंने शानदार स्कृतिक कार्यक्रम पेश करने वाले बच्चों को बधाई दी और सभी को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि चाहे हिंदु धर्म हो, ईसाई हो, इस्लाम हो या सिख धर्म सभी का मानवता, प्रेम और भाईचारे का संदेश देते हैं। उन्होंने कहा कि वह विद्यार्थी जीवन से महात्मा गांधी की विचारधार से खासे प्रभावित रहे हैं, क्योंकि महात्मा गांधी ने भी सभी को सभी धर्मों द्वारा दी गई सच्चाई, इंसाफ, मानवता की सेवा करने की सीख दी। सभी धर्मों में एक चीज समान है और वह इंसान और मानवता की सेवा करना, सबमें प्यार बांटना। ईश्वर ने जो इंसान को दिया है उसका मोल मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारों में जाकर प्रार्थना या ईबादत करने से नहीं चुकाया जा सकता। मगर मानवता की सेवा और मदद करना ईश्वर की ईबादत करने से बड़ा है।

उन्होंने कहा कि ईश्वर ने देने में कोई कमी नहीं दी है। लद्दाख से पठानकोट के बीच देखें तो सब धर्म आ जाएंगे। नदी, पहाड़, मैदान सब हैं। इससे बड़ी जन्नत और क्या होगी। उपर वाले ने सबके लिए बराबर और जरूरत से ज्यादा दिया है। जब सब कुछ बराबर दिया और जरूरत से ज्यादा है तो फिर लड़ाई की कोई वजह नहीं है। मगर राजनीति सबसे बडा शैतान है, यह सभी शैतानों का बाबे आदम है। राजनीति में जीत के लिए इंसान गिरगिट की भाषा, नजरें, सोच और बातें बदलता है। सरपंच, डीडीसी, बीडीसी, विधायक व सांसद बनने की राजनीति में जीत हासिल करने के लिए लोगों को जाति, धर्म, क्षेत्र, मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, चर्चा नाम पर बांटा जाता है। कोई भी एक बार नहीं सोचता कि इससे मानवता, देश, धर्म, समाज, प्रदेश और जिला को कितना नुकसान पहुंचता है।

अपनी राजनीतिक मतलब के लिए एक जीत हासिल करने के लिए कितनी नफरत पैदा होती है। आजाद ने कहा- सब कुछ बनो मगर अपनी काबलियत के दम और सेवा के दम पर। उन्होंने कहा जोर जबरदस्त नहीं बल्कि इंसान का चरित्र ही है दूसरों को बदल सकता है। दूसरे व्यक्ति या धर्म के अच्छे कामों से प्रभावित होकर कोई उसकी तरफ आकर्षित होता है। जब किसी को लगता है कि किसी धर्म में कुछ अच्छा है तो वह उसे अपना भी लेता है। आजाद ने कहा कि इसलिए दूसरों को डरा कर, दबा कर या बांट कर कुछ बनने से अच्छा है कि खुद में सुधार करें और दूसरों से बेहतर बनाएं। ऐसा करने से हर कोई आपकी तरफ आकर्षित होगा और आपको अच्छा कहेगा। ईसा मसीह , पैगंबर, राम-रहीम, सिख गुरुओं ने यही सिखाया है। ईसा मसीह ने केवल ईसाई धर्म के लिए बल्कि मानवता के लिए अपने जीवन का बलिदान किया। उन्होंने सभी से वादा किया कि वह अगली बार शाम के समय में क्रिसमस के कार्यक्रम में शामिल होंगे और इस बार से ज्यादा समय लेकर पहुंचेंगे। इस अवसर पर कांग्रेसी नेता बृज मोहन शर्मा, अश्विनी खजूरिया, प्रीति खजूरिया, शकील शाह, परवेज शाह, राजन सभ्रवाल सहित अन्य मौजूद थे।

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