उत्तराखंड में कल नामांकन का आखिरी दिन था। अब नेता प्रचार-प्रसार में जुट गए हैं। सियासी तीर छोड़ना व एक-दूसरे पर हमलावर होना भी प्रचार का ही महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसकी शुरुआत कल हरीश रावत ने कांग्रेस की बुकलेट लांच करते समय हल्द्वानी में की। उन्होंने कहा कि भाजपा सैनिकाें का अपमान कर रही है। वह ऐसे दिखाती है जैसे पाकिस्तान को जवाब मोदी के बाद से ही सेना ने देना शुरू किया है। यह पूर्व में जीते गए युद्धों में हिस्सा लिए सैनिकों का अपमान है। वहीं इसके जवाब में दूसरे दिन ही पूर्व सीएम विजय बहुगुणा ने पलटवार किया। उन्होंने भी हरदा पर तीखे हमले किए।
पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी उत्तराखंड को देश के सबसे विकसित राज्य के तौर पर देखना चाहते हैं। यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि उन्हें राज्य से भावनात्मक लगाव है। दून और हल्द्वानी में पीएम की रैली से पूरा माहौल बदल चुका है। वहीं, लालकुआं विधानसभा से चुनाव लड़ रहे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर बहुगुणा ने कहा कि लालकुआं हरदा के लिए राजनैतिक मौत का कुआं साबित होगा।
शनिवार दोपहर भाजपा संभाग कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए पूर्व सीएम विजय बहुगुणा ने कहा कि दो साल कोविड की वजह से हर सेक्टर के काम प्रभावित रहे। लेकिन हालात सुधरते ही राज्य सरकार अपने सभी वादे पूरे करने में जुट गई। चुनाव को लेकर पार्टी के घोषणा पत्र की खुद मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा निगरानी कर रहे हैं। ताकि सरकार के दूसरे चरण में बचे काम पूरे करने के साथ नई योजनाओं को भी जमीन पर उतारा जा सके।
दल बदलने वालों के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध का समर्थन
उत्तराखंड की सियासत में दल बदलने का सिलसिला अब भी जारी है। भाजपा और कांग्रेस दोनों में यह स्थिति खने को मिली है। 2016 में कांग्रेस से बगावत करने वाले विजय बहुगुणा अब ऐसे लोगों पर कार्रवाई की पैरवी करते नजर आए। प्रेसवार्ता में कहा कि चुनाव से एक साल पहले दल बदलने वालों के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगना चाहिए।