December 23, 2024

Devsaral Darpan

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धामी कैबिनेट में जोश भरपूर तो वही अनुभव कम

देहरादून। दो वर्ष बाद उत्तराखण्ड प्रदेश अपना पच्चीसवीं सालगिरह मनाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने युवा प्रदेश की विकास को रफ्तार देने के लिए मुख्यमंत्री के तौर पर युवा चेहरा पुष्कर सिंह धामी को चुना है। धामी कैबिनेट में जोश जरूर है पर अनुभव के आधार पर देखे तो इसका अभाव है। तीन या चार मंत्री ही ऐसे है जिन्होंने मंत्री के रूप में पांच वर्ष या उससे अधिक का कार्यकाल देखा है। नव गठित धामी मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की बात करे तो वह दो बार विधायक रहे है। जुलाई 2021 में जब वह पहली बार सीएम बनाये गए तो उनके पास मंत्री पद का अनुभव नही था। सात-आठ महीने के कार्यकाल में उन्होंने अपनी कार्यशैली से केंद्रीय नेतृत्व को खुश किया और पारितोषिक के तौर पर चुनाव हारने के बाद भी दौबारा मुख्यमंत्री बना दिए गए। यानी दस वर्ष विधायक रहना और इसी दस वर्ष के अंदर आठ महीने के लिये मुख्यमंत्री बनना ही धामी का कार्य अनुभव है। धामी-2 मंत्रीमंडल की बात करे तो सिर्फ सतपाल महाराज ही है जिनके पास मंत्री के तौर पर लम्बा अनुभव है। वह कांग्रेस के जमाने मे केंद्र में मंत्री रहे है और भाजपा की पिछली सरकार में भी पांच साल तक कैबिनेट मंत्री रहे है। इसके अतिरिक्त मौजूदा कैबिनेट के सभी सदस्यों का कार्य अनुभव या तो जीरो है या पांच साल का है। मसलन धन सिंह रावत, सुबोध उनियाल और रेखा आर्या पहली बार 2017 में त्रिवेंद्र कैबिनेट के सदस्य बने। उसके बाद तीन महीने के लिए बनी तीरथ कैबिनेट और सात महीने के लिए बनी धामी-1 कैबिनेट में सदस्य रहे। यानी मंत्री के रूप में कुल कार्य अनुभव पांच-पांच साल का है। तीन अन्य मंत्री सौरभ बहुगुणा, चंदन राम दास और प्रेम चन्द्र अग्रवाल पहली बार मंत्री बने है। यानी संसदीय कार्यप्रणाली की जो विशेषज्ञता कार्य अनुभव आती है उसका मौजूदा कैबिनेट के अधिकांश सदस्यों में अभाव है। सदन में जब कार्यवाई शुरू होती है और फ्लौर मैनेजमेंट का सवाल उठता है या फिर विपक्ष अपने सवालों के चक्रव्यूह में ट्रेजरी बेंच को फंसाना चाहता है तो संसदीय कार्य मंत्री या नेता सदन का कार्य अनुभव ही उससे बाहर निकालता है। यह जिम्मेदारी इस बार प्रेम चन्द्र अग्रवाल (पहले स्पीकर रह चुके है।), सुबोध उनियाल और सतपाल महाराज को निभानी होगी। अब देखना यह है कि संसदीय कार्य मंत्री किसे बनाया जाता है।

मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद पुष्कर धामी

यह दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा। जो भी हमने संकल्प लिए है, उस पर आज से ही हमारी सरकार काम करना शुरू करेगी। हम कल कैबिनेट की पहली बैठक करेंगे। उसके जरिये हम बहुत सारी जानकारी देंगे।

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