पेरिस: फ्रांस के संसदीय चुनाव में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को जोरदार झटका लगा है। दो माह पहले ही राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने वाले मैक्रों ने फ्रांस की नेशनल असेंबली में बहुमत खो दिया है।
इमैनुएल मैक्रों दो माह पहले हुए राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने के बाद दोबारा फ्रांस के राष्ट्रपति बने थे। उनका दूसरा कार्यकाल 14 मई से शुरू हुआ है। उसके बाद हुए फ्रांस के संसदीय चुनाव में मैक्रों का मध्यमार्गी गठबंधन स्पष्ट बहुमत हासिल करना चाहता था, ताकि वह अपने चुनावी वादों को पूरा कर सके। नेशनल असेंबली की 577 सीटों के लिए हुए इस चुनाव में मैक्रों को अपेक्षित सफलता नहीं मिली है। नेशनल असेंबली में बहुमत के लिए 289 सीटों की जरूरत है, किन्तु मैक्रों के गठबंधन को महज 245 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा है। इन स्थितियों में उन्होंने नेशनल असेंबली में बहुमत खो दिया है।
इन चुनावों में दक्षिण पंथी नेता मरीन ली पेन की नेशनल रैली पार्टी और वामपंथी दलों के हिस्से में बड़ी कामयाबी आई है। ली पेन की पार्टी ने आठ सीटों की बढ़त के साथ अपने संख्या बल को 89 पहुंचा दिया है। दूसरी तरफ वामपंथी दलों के गठबंधन को 131 सीटें मिली हैं। संसदीय चुनाव के ये परिणाम फ्रांस की राजनीति में उथल पुथल मचाने वाले हैं। प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बोर्न ने स्थितियों को देश के लिए जोखिम भरा करार दिया है। इस बार संसदीय चुनाव में सिर्फ 46.23 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया।
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