देहरादून: मुख्यमंत्री ने किसानों के हित में पतंजलि के हरित क्रांति एप को पायलट आधार पर उपयोग करने के निर्देश देते हुए कहा कि कृषक को फायदेमंद होने पर इसे बड़े स्तर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
मंगलवार को सचिवालय स्थित विश्वकर्मा भवन के वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में पतंजलि के आचार्य बालकृष्ण ने इस एप पर प्रस्तुतिकरण दिया। साथ ही पतंजलि की ओर से किए गए शोध कार्यों व खेती संबंधी जानकारी के डिजिटलीकरण के लिए विकसित एप हरित क्रांति की विस्तार से जानकारी दी।
इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सूचना तकनीक के माध्यम से किसानों को काफी फायदा पहुंचाया जा सकता है। किसान के मोबाइल में उसके खेत और फसल से संबंधित हर जानकारी होनी चाहिए। पतंजलि के शोध कार्यों से उत्तराखंड को लाभ मिले, इसके लिए राज्य सरकार व पतंजलि परस्पर सहयोग से काम करेंगे। हमें डाटा शेयरिंग की सम्भावना भी देखनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने हरित क्रांति एप को लेकर सचिव कृषि की अध्यक्षता में समिति बनाने के निर्देश दिए। यह समिति इस बात की सम्भावना देखेंगी की पतंजलि की ओर से विशेष तौर पर भू अभिलेखों व खेती से संबंधित जानकारियों के डिजिटलीकरण के लिए किए गए कार्य उत्तराखंड के विभिन्न विभागों के लिए किस प्रकार उपयोगी हो सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता को सरकारी योजनाओं से तभी फायदा पहुंचाया जा सकता है। जब प्रक्रियाएं सरल हों,गैर जरूरी औपचारिकताएं न हों। लोगों की संतुष्टि जरूरी है। सरकार और संस्थानों के परस्पर सहयोग से प्रदेश को आगे बढ़ाया जा सकता है।
बैठक में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी,अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी,आनंद बर्द्धन,सचिव शैलेश बगोली,नितेश झा,डाॅ.बी वी आर सी पुरुषोत्तम सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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