गोपेश्वर: चमोली जिले के हेलंग में 15 जुलाई को हुए घसियारी प्रकरण पर रविवार को विभिन्न राजनैतिक संगठनों ने हेलंग में जुलूस प्रदर्शन कर एक जन सभा की। इसमें सरकार से मामले में दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने और महिलाओं को न्याय दिलाने की मांग की गई।
जन सभा को संबोधित करते हुए भाकपा माले के गढ़वाल सचिव इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि यह आंदोलन महिलाओं के साथ पुलिस और सीएसएफ के जवानों की अभद्रता के खिलाफ कार्रवाई किये जाने को लेकर है। उन्होंने मांग कि इस प्रकरण की जांच उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त जज से करायी जाए। उन्होंने कहा कि जब जंगलों के ग्रामीणों का हक छीना जा रहा है तो ऐसे में सरकार की पशुपालन की नीति कैसे कारगर होगी। उन्होंने इस बात को भी उठाया कि घसियारी महिलाओं के साथ डेढ़ साल की बच्ची को भी हिरासत में लिया जाना कौन सा न्याय है। इसकी भी जांच होनी चाहिए।
भाकपा माले के अतुल सती ने कहा कि जल विद्युत निर्मात्री कंपनियां ग्रामीणों पर प्रशासन और शासन की सह पर दादागिरी कर रही हैं। यही कारण है कि घास काट कर ले जा रही महिलाओं के साथ अभद्रता की गई और प्रशासन मौन बना रहा। सचिव लक्ष्मण सिंह नेगी ने कहा कि स्थानीय लोगों को उनका हक मिलना चाहिये। यह केवल मंदोदरी देवी का मामला नही है पूरे उत्तराखंड की महिलाओं के अस्मिता का सवाल है। ग्रामीणों का आधे से अधिक कार्य जंगलों से जुड़ा हुआ है। घास, चारापत्ती से भवन निर्माण की सामग्री जंगलाें पर ही निर्भर हैं। ऐसे में उनके हकों को दरकिनार करना सरकार और प्रशासन की मंशा पर सवाल हैं।
गौरतलब है कि बीते 15 जुलाई को जोशीमठ-हेंलग में घास काट कर घर ले जा रही कुछ महिलाओं के साथ पुलिस और सीएसएफ के जवानों की ओर से घास छीनने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसके बाद पूरे उत्तराखंड में इसको लेकर चमोली जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, टीएचडीसी के साथ ही सरकार की छीछालेदर हो रही है।
जुलूस प्रदर्शन में जिसमें सीपीआई, सीपीआई एमएल, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी आईसा सहित विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता मौजूद थे। जन सभा को जगदीश कुनीयाल, विनोद जोशी, मदन मोहन चमोली, शिवानी पांडे, अतुल सती, भवानी देवी, राजेश्वरी देवी, कमला देवी आदि ने संबोधित किया।
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