December 25, 2024

Devsaral Darpan

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छावनी परिषद देहरादून द्वारा अब प्लास्टिक कचरे से बनायी जायेंगी टाइलें, बेंच और ट्री.गार्ड

देहरादून; छावनी परिषद  ने प्लास्टिक कचरे के निस्तारण का नायाब तरीका निकाला है। इस कचरे को अब रिसाइकिल कर कई उपयोगी वस्तुएं तैयार की जाएंगी। गुरुवार को बोर्ड अध्यक्ष ब्रिगेडियर अनिर्बन दत्ता की अध्यक्षता में आयोजित छावनी परिषद की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लग गई।

बताया गया कि हेयर आयल, शैंपू आदि की बोतल, खिलौनों आदि को रिसाइकिल कर इनसे टाइल बनाई जाएंगी। इसी तरह चिप्स के रैपर आदि को एचडीसीपी शीट, बेंच, ट्री-गार्ड, टायलेट केबिन आदि में बदला जाएगा। जिन्हें छावनी क्षेत्र में ही विभिन्न स्थानों पर लगाया जाएगा।

इसके अलावा छावनी परिषद जल्द ही ठोस अपशिष्ट, खासकर प्लास्टिक अपशिष्ट के निस्तारण की तकनीकों पर स्वच्छता चौपाल के नाम से तीन दिवसीय राष्ट्रीय कानक्लेव का आयोजन करेगा। जिसमें अपशिष्ट प्रबंधन, कूड़ा निस्तारण, कूड़े के पहाड़ का जैविक उपचार (बायो-रेमेडिएशन), कूड़े से बिजली उत्पादन सहित कई और पहलू पर विचार-विमर्श होगा।

इसके अलावा विभिन्न नवाचारी तकनीक की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। उत्तराखंड के विभिन्न निकाय इस आयोजन में हिस्सा लेंगे। इससे कूड़ा प्रबंधन व निस्तारण के लिए राज्य स्तर पर किए जा रहे विभिन्न प्रयासों को धार मिलेगी। इसके अलावा घंघोड़ा व प्रेमनगर ट्रेंचिंग ग्राउंड पर कूड़ा निस्तारण का काम देख रही एजेंसी के सेवा विस्तार का मामला भी बैठक में आया। इनका अनुबंध अगले माह समाप्त हो रहा है। तय किया गया कि सेवा विस्तारित करने से पहले एक बाद अभी तक के कार्य का मूल्यांकन कर लिया जाए।

इसके अलावा छह आवासीय भवनों में बदलाव, विभिन्न विकास कार्य, मास्ट लाइट आदि के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान की गई। इस दौरान मुख्य अधिशासी अधिकारी अभिनव सिंह, नामित सदस्य विनोद पंवार आदि उपस्थित रहे।

पांच रुपये में मिलेगा थैला

छावनी परिषद की पिछली बैठक में प्रेमनगर व गढ़ी-डाकरा में पालीथिन के इस्तेमाल को हतोत्साहित करने के लिए थैला बैंक स्थापित करने का निर्णय लिया गया था। यह थैले पुराने कपड़ों से तैयार किए जाएंगे। प्रेमनगर व गढ़ी में कैंट बोर्ड के व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र में महिलाएं थैले तैयार करेंगे। इस बार की बैठक में थैले का मूल्य पांच रुपये तय कर दिया गया है। यदि बाहर की कोई संस्था थैला लेती है, तो उसे यह 10 रुपये में दिया जाएगा।

छावनी परिषद अब राजस्व के नए-नए माध्यम तलाश रहा है। इसी क्रम में रक्षा मंत्रालय से प्राप्त निर्देशों के तहत अब सी-श्रेणी की खाली पड़ी भूमि का उपयोग व्यावसायिक आयोजन या जनहित की योजनाओं के लिए किया जा सकेगा। इसका मकसद राजस्व अर्जन है।

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