उत्तराखंड; महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में सड़कों पर रहने वाले बच्चों के पुनर्वास, शिक्षा तथा उन्हें समाज की मुख्य धारा में जोडृने के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं को और प्रभावी बनाने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि इन बच्चों के लिए बनाई जा रही उत्तराखंड स्ट्रीट चिल्ड्रन पुनर्वास नीति का ड्राफ्ट शीघ्र तैयार करते हुए इससे जुड़े विभागों तथा इस दिशा में कार्य करने वाले सभी गैर सरकारी संस्थाओं का भी इसमें सहयोग लिया जाए।
गुरुवार को महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने विधानसभा में उत्तराखंड स्ट्रीट चिल्ड्रन पुनर्वास नीति के लिए मिले सुझावों पर विभागीय अधिकारियों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य सड़कों पर रहने वाले बच्चों को कौशल विकास व रोजगारपरक शिक्षा उपलब्ध कराना है। इसके लिए समय-समय पर इनके अभिभावकों की काउंसिलंग भी की जाए।
उन्होंने परित्यक्त, दिव्यांग, अनाथ, बाल श्रमिक व भिक्षावृत्ति करने वाले बच्चों के बेहतर रखरखाव, शिक्षा तथा स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ ही इनके लिए आश्रय गृहों के निर्माण पर भी चर्चा की। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में नीति बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। इसमें सड़कों पर रहने वाले बच्चों की अलग-अलग श्रेणियां बनाई गई हैं। इनमें अकेले रहने वालों से लेकर अभिभावकों के साथ रहने वाले बच्चे शामिल किए गए हैं।
इसके साथ ही दुकानों पर काम करने वाले, भिक्षावृत्ति, कूड़ा बीनने वालों को भी अलग-अलग वर्गीकृत किया जा रहा है। इनके पुनर्वास के लिए राज्य स्तर से लेकर जिला स्तर तक समितियां बनाया जाना प्रस्तावित है। इसके साथ ही हितधारकों के उत्तरदायित्व भी तय किए जा रहे हैं। नीति में सड़कों से उठाए जाने वाले, पीडि़त बच्चों के पुनर्वास के संबंध में कार्रवाई के लिए विभागों की भी जिम्मेदारी तय की जा रही है।
बैठक में सचिव महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास हरिचंद्र सेमवाल, निदेशक महिला कल्याण, प्रदीप रावत समेत विभिन्न जिलों के डीपीओ उपस्थित थे।