उत्तराखंड; राज्य में अभी अगर लोकसभा चुनाव कराएं जाएं तो कौन सी पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी, इस पर बहस भी शुरू हो जाएगी। कांग्रेस क्या वापसी करेगी या बीजेपी का विजयी रथ आम चुनाव में भी जारी रहेगा? चुनाव से जुड़ा यह सवाल हर किसी के जबान में जरूर होगा। वोटर्स चुनावी राजनीति पर अपनी राय रखकर अपनी-अपनी पार्टी की जीत का दावा जरूर करते हुए दिखाई देंगे।
इंडिया टीवी-मैट्रिज़ न्यूज़ कम्युनिकेशन के ओपिनियन पोल को आधार मानकर बात करें तो पीएम मोदी को जीत का ताज पहनाते हुए एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) 362 सीटें जीतने का दावा किया गया है। उत्तराखंड की बात करें तो पांचों सीटें भाजपा के खाते में जाती दिखाई गईं हैं।
ऐसे में यह कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि देश में पीएम मोदी की लोकप्रियता कम नहीं हुई है। 2019 में आम चुनाव में भाजपा ने जीत का परचम लहराया था। उत्तराखंड में भाजपा के पांचों उम्मीदवारों पर वोटरों अपनी हामी भरी थी। गढ़वाल से तीरथ सिंह रावत सबसे ज्यादा वोटों से जीतकर संसद पहुंचे थे।
उन्होंने कांग्रेस के मनीष खंडूरी को करीब 40 फीसदी वोटों से पराजित किया था। जबकि, टिहरी लोस सीट से माला राज्यलक्षमी शाह ने कांग्रेस के प्रीतम सिंह को हराया थ। नैनीताल-उधमसिंह नगर लोक सभा सीट में भाजपा के अजय भट्ट और कांग्रेस के हरीश रावत के बीच दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला था।
इसमें, अजय भट्ट ने रावत को करीब 27 फीसदी वोटों से पराजित कर भट्ट ने संसद तक का सफर तय किया था। हरिद्वार लोकसभा सीट से डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कांग्रेस के अंबरीष कुमार को हराया था, जबकि अल्मोड़ा (एससी) लोक सीट से अजट टम्टा ने कांग्रेस के प्रदीप टम्टा को हराया था।
2014 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा के हाथ लगी थी पांचों सीटें
2014 के लोकसभा चनाव में उत्तराखंड में भाजपा ने पांचों सीटें अपने नाम की थीं। टिहरी से माला राज्यलक्षमी शाह, गढ़वाल से बीसी खंडूरी, अल्मोड़ा से अजय टम्टा, नैनीताल-उधमसिंह नगर से भगत सिंह कोश्यारी और हरिद्वार लोकसभा सीट से डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने जीत दर्ज की थी।