उत्तराखण्ड; रूड़की 87 साल की उम्र में भी राजपाल सिंह में युवाओं जैसा जोश है। सेवानिवृत्ति के बाद से ही वह स्कूलों में जाकर बच्चों को प्रेरित करते हैं और योग सिखाते हैं। ताकि बच्चे शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह से स्वस्थ रह सकें। राजपाल सिंह इस उम्र में भी शहर में अपनी अधिकांश यात्रा साइकिल से ही पूरी करते हैं।
- उत्तर प्रदेश के शामली के लिसाढ़ गांव निवासी राजपाल सिंह कृषि विभाग से सेवानिवृत्त हैं।
- वह रुड़की, हरिद्वार सहित विभिन्न शहर के स्कूलों में जाकर बच्चों को योग के बारे में बताते हैं।
- यही नहीं वह उन्हें योग सिखाते हैं।
- स्वयं योगासन कर बच्चों को योग के लिए प्रेरित करते हैं।
- राजपाल सिंह ने बताया कि वह भले ही उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। लेकिन, उत्तराखंड और अन्य प्रदेशों में भी जाकर वह विद्यालय में योग कराते हैं।
- 26 सालों से दूसरों को योग सिखा रहे राजपाल सिंह ने बताया कि वह इसके लिए कोई शुल्क नहीं लेते हैं।
- इसके अलावा बच्चों को मंत्रों के बारे में भी बताते हैं। उन्हें स्वयं 100 अधिक मंत्र कंठस्थ हैं।
- वह इस उम्र में भी द्विपद आसन, गर्भ आसन, मयूर आसन आदि सहित अनेक कठिन आसन भी बेहद आसानी से कर लेते हैं।
- वह अपनी अधिकांश यात्रा साइकिल से ही करते हैं।
उनका उद्देश्य बच्चों को योग के प्रति प्रेरित करना है। ताकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सके। वह बीमारियों से दूर रहे हैं। उनका मानसिक और शारीरिक विकास अच्छे से हो। वह आठ मिनट में ब्लैक बोर्ड पर हाथी एवं फूल आदि के चित्र बना देते हैं। जिसे देखकर बच्चे बेहद प्रसन्न होते हैं।