देहरादून: मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राचीन चारधाम यात्रा पर बनी डाक्यूमेंट्री और पुस्तक हमारी सदियों पुरानी विरासत को संरक्षित करने की दिशा में उत्तराखंड को एक नई पहचान मिलेगी। राज्य आर्थिकी पर्यटन क्षेत्र का मुख्य आधार है।
मंगलवार को कैम्प कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा के पैदल मार्ग पर आधारित डॉक्यमेंट्री फिल्म एवं पुस्तक वॉकिंग टू द गॉड का विमोचन किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने पर्यटन विकास परिषद की ओर से आयोजित स्वच्छता पखवाड़े के अन्तर्गत स्वच्छता के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देने वालों को भी सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने ट्रैक द हिमालया के साथ मिलकर एक ऐतिहासिक कदम बढ़ाया है। इसके तहत विशेषज्ञों के 25 सदस्यीय दल ने चारधाम ट्रैक पर पुराने मार्गों को खोजने के लिए 1170 किलोमीटर का सफर तय किया। अभियान के तहत 25 सदस्यों की विशिष्ट टीम ने 51 दिनों तक पुराने चार धाम और शीतकालीन चार धाम मार्ग को खोजने का काम किया। दल का यह प्रयास निश्चित रूप से उत्तराखण्ड के पर्यटन के लिये सराहनीय पहल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राचीन चारधाम यात्रा पर बनी डाक्यूमेंट्री और पुस्तक हमारी सदियों पुरानी विरासत को संरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे हमारी चारधाम यात्रा को बढ़ावा के साथ ही उत्तराखंड को एक नई पहचान मिलेगी। इस अभियान के जरिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज भी संग्रहित हुआ है। जो भविष्य में प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने व पलायन रोकने में महत्वपूर्ण साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य स्थापना की मूल अवधारणा में पर्यटन क्षेत्र को राज्य की आर्थिकी का मुख्य आधार माना गया था। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर पूर्व आईएएस अधिकारी आराधना जौहरी की ओर से लिखित पुस्तक वियोंड द मिस्टी वेल, टैम्पल टेल्स ऑफ उत्तराखण्ड का उल्लेख किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम में इस साल 30 लाख से अधिक श्रद्धालु यात्रा पर आना हमारे पर्यटन के लिये शुभ संकेत है। चारधाम यात्रा मार्गों पर अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए हमारे प्रयास निरन्तर जारी है। इस वर्ष कांवड यात्रा में भी लाखों श्रद्धालु आए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगो को भी राज्य के पर्यटन की बेहतरी के लिये अपना योगदान देना होगा। मुख्यमंत्री ने स्वच्छता पखवाडे में सराहनीय योगदान देने वालों के साथ ही पुस्तक की लेखक पलोमा दत्ता और ट्रेक द हिमालया के सदस्यों को भी शुभकामनाएं दी।
इस मौके पर पर्यटन मंत्री सतपाल महराज ने कहा कि स्वस्थ जीवन के लिए हमें स्वच्छता को संस्कार बनाना होगा। हम स्वच्छता के प्रति जागरूक रहेंगे तो बीमारियां दूर रहेंगी और बीमारियों पर होने वाला खर्च भी बचेगा।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड ने ट्रैक द हिमालया के साथ मिलकर एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। इसका उद्देश्य तीर्थयात्रियों को पुराने समय की यात्रा के रोमांच के साथ ठहराव स्थलों के इतिहास से रूबरू कराना है। पुराने समय के रूट पर चलने वाली पैदल चारधाम यात्रा से स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे। देश के बारह ज्योर्तिलिंगों की यात्रा की सुगमता के संबंध में कार्य योजना तैयार की जारी है।
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