उत्तराखण्ड; प्रसव पीड़ा से तड़पती बेटी को लेकर परिजन अस्पतालों के चक्कर काटते रहे लेकिन उसे इलाज नहीं मिल पाया। उसे बड़े अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस की जरूरत थी। एंबुलेंस के इंतजार में गर्भवती महिला ने दम तोड़ दिया। डॉक्टरों के अनुसार गर्भस्थ शिशु की पहले ही मौत हो चुकी थी।
एसीएमओ डा.आरसी आर्य ने बताया कि ललिता का करीब डेढ़ वर्ष पूर्व ऑपरेशन से बच्चा हुआ था। इतनी जल्दी दूसरा बच्चा होना जोखिमभरा होता है। इसी कारण गर्भवती महिला को हायर सेंटर ले जाने की सलाह दी गई थी। उन्होंने बताया कि समय पर हायर सेंटर नहीं पहुंच पाने के कारण उसकी मौत हो गई।
एक सप्ताह में दूसरी घटना स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में मौत की यह दूसरी घटना है। बीते गुरुवार को पुरोला के खलाड़ी गांव निवासी गर्भवती महिला काजल को सीएचसी पुरोला में लाया गया था। सामान्य प्रसव में अचानक अधिक रक्तस्राव होने पर उसे देहरादून रेफर किया गया। वहां एक निजी केयर सेंटर में नवजात की मौत हो गई जबकि प्रसूता का उपचार चल रहा है