देहरादून: उत्तराखंड के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 13 और 14 अगस्त को लेप्रोस्कोपिक सर्जरी पर कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान 12 मरीजों की लाइव सर्जरी को अंजाम दिया जाएगा. इस दौरान लेप्रोस्कोपिक सर्जरी का लाइव डेमोंसट्रेशन भी दिया जाएगा। राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि लेप्रोस्कोपिक सर्जरी प्रोसीजर्स बेसिक टू एडवांस विषय पर कार्यशाला एसोसिएशन ऑफ मिनिमल एक्सेस सर्जन्स ऑफ इंडिया के सहयोग से की जा रही है। नए ओटी एंड इमरजेंसी ब्लॉक में यह सभी ऑपरेशन दूरबीन विधि के माध्यम से किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि कार्यशाला में विभिन्न शहरों से कई डॉक्टर जुटेंगे मरीजों की स्क्रीनिंग व प्री एनेस्थेटिक जांच पूरी कर ली गई है।
यदि लाइव सेशन में किसी डॉक्टर को कुछ समझना है तो वो लाइव बता देंगे। डॉ. सयाना का कहना है कि लाइव सर्जरी के लिए आधुनिक उपकरण लाए गए हैं. अभी आईसीयू ओटी बिल्डिंग में सर्जरी शुरू होंगी। बाद में एक हफ्ते बाद पूरी बिल्डिंग में मरीजों को सुविधाएं उपलब्ध होने जा रही है. दरअसल, राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 13 और 14 अगस्त को देशभर के शल्य चिकित्सक नेशनल सर्जरी कांफ्रेंस में भाग लेने जा रहे हैं।
इसके लिए 12 मरीजों की लाइव सर्जरी की जाएगी और इस सर्जरी का लाइव प्रदर्शन किया जाएगा। क्या है लेप्रोस्कोपिक सर्जरी? लेप्रोस्कोपिक सर्जरी का उपयोग मुख्य रूप से महिला के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं जैसे अल्सर, जख्म या घाव, रसौली और बांझपन की समस्या आदि का समाधान करने के लिए किया जाता है. इस सर्जिकल प्रक्रिया में डॉक्टर महिला के पेट में दो से तीन छोटे कट लगाता है। इस प्रक्रिया के लिए एक लेप्रोस्कोप या दूरबीन का उपयोग किया जाता है, जो बहुत ही पतला सर्जिकल उपकरण होता है। जिसमें कैमरा और प्रकाश होता है। लेप्रोस्कोपिक सर्जरी सुरक्षित और दर्दरहित ऑपरेशन प्रक्रिया है।
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