मथुरा; वृंदावन जिला अधिकारी नवनीत सिंह चहल श्री बांकेबिहारी मंदिर की गलियों में भ्रमण कर रहे थे। अचानक एक बंदर आया और उनका चश्मा लेकर भाग गया। चश्मा लेकर बंदर एक मकान की रेलिंग पर बैठ गया। डीएम के साथ चल रहे पुलिसकर्मी और स्थानीय लोगों ने चश्मा वापस लेने की भरपूर कोशिश की। बंदर को तरह-तरह से ललचाया, लेकिन वह झांसे में नहीं आया। बाद में फ्रूटी देने पर ही माना। वृंदावन के बंदर किसी को नहीं छोड़ते। मौका मिलते ही अपना काम कर देते हैं। इस बार उन्होंने जिला अधिकारी नवनीत सिंह चहल को अपना शिकार बनाया।
मिली जानकारी के अनुसार, रविवार अपराह्न करीब एक बजे एसएसपी अभिषेक यादव के साथ डीएम मंदिर की गलियों में भ्रमण कर रहे थे। इसी दौरान पीछे से एक बंदर डीएम के कंधे पर बैठा। कोई कुछ समझ पाता कि पलक झपकते ही उसने साहब का चश्मा निकाला और भाग गया। बंदर पास की इमारत पर बनी रेलिंग पर जाकर बैठ गया। उमस भरी गर्मी में पसीने से लथपथ डीएम साहब बार-बार रूमाल से पसीने पोछते और बंदर से चश्मा वापस करने की गुहार लगाते। मातहतों के चेहरे की हवाइयां उड़ी रहीं। करीब दस मिनट बाद बंदर को फ्रूटी दी गई, तब कहीं साहब का चश्मा उसने फेंक दिया, गनीमत रही कि चश्मा टूटा नहीं। वृंदावन के लोगों के मुताबिक, शहर में बंदरों का आतंक है। वह सड़क पर चलते लोगों का पलक झपकते ही चश्मा, पर्स और मोबाइल लेकर भाग जाते हैं। मंदिर के आसपास के ये बंदर फ्रूटी पेय पीने के दीवाने हैं। फ्रूटी मिलते ही वे बड़ी आसानी से श्रद्धालुओं से छीना सामान वापस कर देते हैं।