पटना; सोमवार को एडीएम (विधि व्यवस्था) ने अंग्रेज अफसर की तरह नौकरी की मांग लेकर राज्य के कोने-कोने से पहुंचे शिक्षक अभ्यर्थियों पर सोमवार को लाठीचार्ज कर दिया। स्थिति उस समय तनावपूर्ण हो गई, जब वे स्वयं लाठी लेकर किसी अंग्रेज अफसर की तरह एक अभ्यर्थी पर टूट पड़े, जिसके हाथों में तिरंगा था। वायरल वीडियो फुटेज में साफ दिख रहा है कि वे तिरंगे पर ही लाठी बरसाने लगे और उस अभ्यर्थी ने उसे नीचे नहीं गिरने दिया। वहीं पास खड़े पुलिस के जवान की नजर इस पर पड़ी तो उसने उस अभ्यर्थी के हाथ से सम्मान के साथ तिरंगा ले लिया, ताकि उस पर लाठी नहीं पड़े। इस घटना की जानकारी जैसे ही उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को मिली वे एक्शन में आ गए। उन्होंने इसकी जांच के लिए तत्काल दो सदस्यीय समिति का गठन करते हुए किसी भी दोषी पर कड़ी कार्रवाई की बात कही। इधर डीएम ने भी मामले में रिपोर्ट मांगी है।
मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार को शिक्षक अभ्यर्थी डाकबंगला चौराहे पर प्रदर्शन कर रहे थे। उन्हें रोकने के लिए लाठीचार्ज का आदेश देते हुए एडीएम स्वयं डंडा लेकर कूद पड़े। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे, पर प्रशासन ने बर्बरतापूर्ण कार्रवाई की। उनमें एक अभ्यर्थी के हाथ में तिरंगा था, कम से कम तिरंगे पर तो लाठी नहीं चलानी चाहिए थी। इस पूरे प्रकरण का वीडियो तेजी से इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया। जब इन सबकी सूचना उप मुख्यमंत्री को मिली तो उन्होंने तुरंत जिलाधकारी डा. चंद्रशेखर सिंह से फोन पर बात कर जानकारी ली और जांच टीम गठित कर लाठी चलाने वाले अफसर पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
मिली जानकारी के अनुसार, गांधी मैदान स्थित जेपी गोलंबर से पैदल मार्च कर डाकबंगला चौराहे पहुंचे अभ्यर्थी सातवें चरण का शिक्षक नियोजन शुरू करने की मांग कर रहे थे, ताकि उन्हें नौकरी का अवसर मिल सके। डाकबंगला चौराहे पर पुलिस ने बैरिकेडिंग कर अभ्यर्थियों के जुलूस को आगे बढ़ने से रोक दिया। इसके बावजूद अभ्यर्थी राजभवन जाकर राज्यपाल को ज्ञापन देने पर अड़े थे। इस बात पर उनके और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की शुरू हो गई। इसी बीच महंगाई व बेरोजगारी के खिलाफ जाप अध्यक्ष पप्पू यादव के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता प्रदर्शन करते हुए डाकबंगला चौराहे पहुंच गए। भीड़ अचानक अनियंत्रित हो गई।
कुछ अभ्यर्थी और जाप कार्यकर्ता बैरिकेडिंग तोड़ आगे बढ़ने की कोशिश करने लगे तो पुलिस ने वाटर कैनन से पानी की तेज बौछार कर भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की। स्थिति नियंत्रित नहीं हुई तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। लाठीचार्ज होते ही भगदड़ मच गई। भागने के दौरान कई अभ्यर्थी सड़क पर गिर गए। किसी का सिर फटा तो किसी के पैर में चोट आई। उन्हें विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया। इस दौरान डाकबंगला चौराहा लगभग तीन घंटे तक जाम रहा। गांधी मैदान से लेकर स्टेशन, आयकर गोलंबर से लेकर एक्जीविशन रोड चौराहा और आसपास की सड़कों पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। इंच भर भी खिसकने की जगह नहीं थी। अंतत: जाम हटा तो गाड़ी के साथ फंसे लोगों ने राहत की सांस ली। लाठीचार्ज के दौरान हाथ में तिरंगा लिए एक अभ्यर्थी के सड़क पर गिरने के बावजूद एडीएम (विधि-व्यवस्था) द्वारा लाठी बरसाने के मामले में जिलाधिकारी डा. चंद्रशेखर सिंह ने जांच का आदेश दिया है। जांच की जिम्मेदारी उप विकास आयुक्त एवं नगर पुलिस अधीक्षक को सौंपी गई है। जांच रिपोर्ट दो दिनों के अंदर मांगी है। जिलाधिकारी ने मामले को गंभीर बताते हुए कहा, यह कार्रवाई अनावश्यक व आपत्तिजनक है। जांच रिपोर्ट आने के बाद एडीएम के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
संपादन: अनिल मनोचा