देहरादून; भारती ट्रस्ट से जुड़ी जमीन की धोखाधड़ी में एसीजेएम-चतुर्थ अभिषेक श्रीवास्तव की कोर्ट ने पूर्व दर्जाधारी मनीष वर्मा समेत तीन लोगों को दोषी ठहराते हुए पांच-पांच साल की सजा सुनाई। इसके साथ ही, दोषियों पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। जुर्माना नहीं देने पर दोषियों को एक महीने का अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। उधर, कोर्ट के फैसले के बाद तीनों दोषियों को जेल भेज दिया गया।
मिली जानकारी के अनुसार, सुभारती ट्रस्ट के ट्रस्टी अतुल कृष्ण भटनागर की शिकायत पर कैंट पुलिस ने पूर्व दर्जाधारी मनीष वर्मा निवासी चंद्रलोक राजपुर रोड देहरादून, उनकी पत्नी नीतू वर्मा और भाई संजीव वर्मा के खिलाफ 2012 में मुकदमा दर्ज किया था। एडवोकेट जावेद अहमद ने सरकार की तरफ से इस मामले की पैरवी की। भटनागर ने बताया था कि वे सुभारतीपुरम मेरठ में प्रोफेसर हैं। उनका आरोप था कि मनीष ने पत्नी और भाई संग मिलकर सुभारती ट्रस्ट को सौ बीघा जमीन बेचने का अनुबंध किया था, लेकिन मौके पर 33 बीघा जमीन उपलब्ध थी। जबकि, 67 बीघा जमीन के कागजात फर्जी निकले। तीनों के खिलाफ कैंट पुलिस धारा-420, 467, 468 और 471 के तहत केस दर्ज करते हुए जांच कर रही थी। मई 2014 को पुलिस ने आरोपपत्र भी दाखिल कर दिया था, तब से कोर्ट में सुनवाई चल रही थी।