December 24, 2024

Devsaral Darpan

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी- विधानसभा में अब तक के कालखंड में हुई सभी भर्तियों की जांच कराई जाएगी।

उत्तराखण्ड;  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विधानसभा में अब तक के कालखंड में हुई सभी भर्तियों की जांच कराई जाएगी। इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा के स्तर पर भी भर्तियों में गड़बड़ी की शिकायतें मिली हैं। चूंकि, विधानसभा एक संवैधानिक संस्था है, लिहाजा वे विधानसभा अध्यक्ष से भर्तियों की जांच के लिए अनुरोध करेंगे। राज्य सरकार इस जांच में पूरा सहयोग करेगी।

मिली जानकारी के अनुसार, कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के उत्तराखंड में नौकरी माफिया के सवाल पर बकौल मुख्यमंत्री धामी-चूंकि मैं इसको सियासी मोड़ नहीं देना चाहता, इसलिए मैंने कहा कि जिस भी कालखंड में भर्तियों में घपले हुए, उनकी जांच कराई जाएगी। आपने देखा होगा हमने कभी ये नहीं कहा कि किस कालखंड में ये घपला हुआ है। जैसे वर्ष 2015-16 में दरोगा भर्ती, पटवारी घोटाला या अन्य कोई घोटाला हुआ उनकी भी जांच होनी चाहिए। किसी भी संस्था में जो घपला हुआ, उसकी जांच होगी, और जांच होनी भी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भर्तियों में पारदर्शिता लाकर सरकार एक नजीर पेश करने जा रही है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य की भर्तियों में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो। हमें अपने बेटे-बेटियों के आज और कल की चिंता है। हमें उत्तराखंड में भर्ती प्रक्रियाओं का ऐसा सिस्टम बनाना होगा कि भविष्य में कोई घपले-घोटाले जैसा काम करने की सोच भी न सके।

मिली जानकारी के अनुसार, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी मंगलवार को वापस राजधानी देहरादून लौट सकती हैं। वे कनाडा में 19 अगस्त को आयोजित राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के सम्मेलन में हिस्सा लेने गई थीं। यह सम्मेलन 20 से 26 अगस्त तक आयोजित किया गया था। खंडूड़ी अब दिल्ली पहुंच चुकी हैं। मंगलवार को राजधानी पहुंचने के बाद वे विधानसभा में अब तक हुई बैकडोर भर्तियों पर अपना रुख साफ कर सकती हैं।

उत्तर प्रदेश के लोग भी लगे हैं विधानसभा में विधानसभा में इस बार बिना अनुमति हुई भर्तियों में उत्तर प्रदेश के कई युवाओं को भी नौकरियां दे दी गई। ऐसे सभी युवा, भाजपा नेताओं के नजदीकी बताए जा रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि कोई बखेड़ा न हो, इसलिए ज्यादातर को गैरसैंण विधानसभा में पोस्टिंग दी गई । हालांकि, ये गैरसैंण में कम ही नजर आते हैं। उत्तराखंड में विधानसभा के गठन के बाद से आज तक वहां नियमों के हिसाब से भर्तियां नहीं हुई हैं। विधानसभा के अध्यक्षों ने अपने हिसाब से पिक एंड चूज की नीति अपनाकर अपने नजदीकी लोगों को नौकरियां बांट दीं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल और वरिष्ठ भाजपा नेता तथा पूर्व स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल के कार्यकाल में तो बेहिसाब नौकरियां बांटी गईं। इसके चलते विधानसभा में अब करीब सवा पांच सौ कर्मचारी हो चुके हैं। सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि उत्तराखंड की विधानसभा में उत्तर प्रदेश की विधानसभा से ज्यादा कर्मचारी हैं।

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