December 24, 2024

Devsaral Darpan

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कर्ज में डूबे उत्तराखंड के मंत्रियों और अफसरों लिए लग्जरी गाड़ियां खरीदने का रास्ता खोलने की तैयारी।

उत्तराखंड:   मंत्रियों और अफसरों लिए लग्जरी गाड़ियां खरीदने का रास्ता खोलने की तैयारी शुरू हो गई। सूत्रों की मानें तो राज्य की वित्तीय स्थिति को देखते हुए निजी वाहन के तेल खर्च की प्रतिपूर्ति दोगुने करने  पर वित्त विभाग हैरान है।  परिवहन विभाग वर्ष 2016 की सरकारी वाहन खरीद नीति को बदलने जा रहा है। विभागीय कमेटी ने पांच श्रेणियों में वाहन खरीद की सीमा को साठ तक बढ़ाने की सिफारिश की है। निजी वाहन प्रयोग करने वाले अफसरों को तेल के खर्च की सीमा दोगुने से अधिक करने की भी संस्तुति की गई है। इस नीति पर वित्त विभाग से अनुमति ली जा रही है। विभाग का तर्क वाहन खरीद नीति में वृद्धि की सिफारिशों पर परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2016 से डीजल-पेट्रोल के दाम दोगुने तक बढ़ चुके हैं। वाहनों की कीमत भी बढ़ी हैं। इसके चलते ये सिफारिशें की गई हैं। परिवहन सचिव एएस ह्यांकी ने बताया, नई वाहन क्रय नीति का ड्राफ्ट वित्त विभाग को भेजा है। वित्त के निर्णय के बाद कार्रवाई होगी।

मिली जानकारी के अनुसार, मंत्रियों और अफसरों लिए परिवहन विभाग ने लग्जरी गाड़ियां खरीदने की जो सिफारिश की गई है, उसके मुताबिक, मंत्री और बड़े अफसर 25 लाख की गाड़ी खरीद सकेंगे। निजी वाहन के तेल का खर्च 23 हजार से बढ़ाकर 51,590 रुपये मासिक करने की सिफारिश की गई है। हालांकि, परिवहन विभाग इस पर राजी नहीं है।

काबीना मंत्री, मुख्य सचिव, हाईकोर्ट के जज, एसीएस, पीसीसीएफ, डीजीपी के लिए 25 लाख के वाहन खरीदे जा सकंगे।
प्रमुख सचिव, कमिश्नर, पुलिस महानिरीक्षक, एपीसीसीएफ व समकक्ष: 12 के बजाए 20 लाख रुपये तक वाहन ले सकेंगे।
विभागाध्यक्ष, अपर सचिव, डीएम, सीडीओ व अन्य समकक्ष18 लाख रुपये की गाड़ी खरीद सकेंगे। प्रमुख सचिव, कमिश्नर, पुलिस महानिरीक्षक, एपीसीसीएफ व समकक्ष 51,590 रुपये  मासिक विभागाध्यक्ष, अपर सचिव, डीएम, सीडीओ व अन्य समकक्ष 48,180 रुपये प्रतिमाह अन्य अधिकृत अधिकारी, निदेशालय-निगमों के अधिकारी व उनके समकक्ष 41,259 रुपये प्रति माह
जिला स्तरीय अधिकारी 34,287 रुपये प्रति माह।

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