पीलीभीत; एक युवक की शर्मनाक करतूत सामने आई हैं।आरोप है कि एक युवक ने पत्नी को कमरे में बंद करके जबरन अप्राकृतिक संबंध बनाए। विरोध करने पर मारपीट की। आए दिन की जिल्लत भरी जिंदगी से परेशान होकर विवाहिता मायके चली आई।
मिली जानकारी के अनुसार, इसके बाद पति लिखित समझौता करके फिर उसे अपने घर ले गया। जहां पत्नी के साथ वैसा ही कृत्य दोहराने लगा।जिससे विवाहिता की हालत बिगड़ गई। रात के समय विवाहिता को घर से निकाल दिया। मायके में रहने के दौरान ससुरालीजन वहां भी आ गए और उस पर जानलेवा हमला किया।
पीड़िता ने थाने में प्रार्थना पत्र दिया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। तब उसने एसपी से गुहार लगाई। इसके बाद पति सहित चार लोगों के विरुद्ध गंभीर धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया गया। सभी आरोपित पड़ोसी राज्य उत्तराखंड के निवासी हैं।शहर में सदर कोतवाली क्षेत्र के रहने वाली विवाहिता ने एसपी को प्रार्थना पत्र दिया है।
जिसमें उसने बताया कि उसका विवाह 8 दिसंबर 2021 को उत्तराखंड के जिला ऊधमसिंह नगर के थाना खटीमा अंतर्गत गांव चारू में हुआ था।उसका विवाह अजय राना के साथ हुआ था।विवाह में उसके माता पिता ने अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान-दहेज भी दिया।इसके बाद भी ससुराल के लोग संतुष्ट नहीं हुए।
दहेज में कार तथा पांच लाख की नकदी मांगी जाने लगी। इसके लिए ससुराल में उसका उत्पीड़न किया जाने लगा। विवाहिता ने आरोप लगाया कि पति उसे कमरे में बंद करके जबरन अप्राकृतिक संबंध बनाने लगा।वह विरोध करती तो लात-घूंसों से उसकी पिटाई करता। उसने अपने माता-पिता से शिकायत की तो उन लोगों ने पति को समझाया।
तब पति ने लिखित रूप से समझौता किया कि अब वह परेशान नहीं करेगा, लेकिन इसके बाद भी उसका रवैया नहीं बदला।आठ अगस्त को रात नौ बजे पति ने फिर उसे कमरे में बंद करके जबरन अप्राकृतिक संबंध बनाए, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई। विरोध किया तो पति ने रात में ही घर से निकाल दिया।
वह जैसे तैसे अपने मायके पहुंची। 18 अगस्त को पति व ससुराल के अन्य लोग उसके मायके में आ धमके। दहेज की मांग दोहराते हुए ससुराल वालों ने उसके माता-पिता से जबरन स्टांप पेपर पर हस्ताक्षर करा लिए। जब उसने विरोध किया तो पति ने गला दबाकर हत्या का प्रयास किया।
सदर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक नरेश त्यागी के अनुसार एसपी के आदेश पर विवाहिता के पति अजय राना, सास अमरीक देवी, ननद रीतू व ससुर गोपाल सिंह के विरुद्ध धारा 498-ए, 377, 307, 323, 506 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत करके विवेचना शुरू कर दी गई है।