उत्तराखंड; विधानसभा में बैकडोर भर्ती को लेकर मचे बवाल के बीच, ऋतु खंडूडी ने मीडिया के सामने अपना लिखित बयान पढ़ा। जिसमें उन्होंने कहा कि उत्तराखंड विधानसभा प्रदेश का सर्वोच्च सदन है, इसकी गरिमा को बनाए और बचाए रखना उनका दायित्व और कर्तव्य भी है। साथ ही जोर देकर कहा कि कि वो प्रदेशवासियों खासकर युवा वर्ग को यह आश्वस्त करना चाहती हैं कि सबके साथ न्याय होगा।
मिली जानकारी के अनुसार, सदन की गरिमा को सर्वोच्च स्थान पर रखते हुए, ऋतु ने कहा कि इसे बनाए रखने के लिए वो किसी भी कठोर निर्णय लेने से नहीं हटेंगी। विधान सभा परिसर लोकतंत का मंदिर है। अध्यक्ष होने के नाते उन्हें किसी भी प्रकार की अनियमितता एवं अनुशासनहीनता स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सबकी निगाह अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी के निर्णय पर टिकी हुई थी। जनता जनरल खंडूडी की बेटी से कड़क फैसले की उम्मीद कर रही थी। शनिवार को ऋतु ने अपना फैसला सुनाया तो यह तेवर और तासीर के अनुसार जनरल खंडूड़ी के करीब ही था। उन्होंने बिना झिझक विधानसभा के सबसे बड़े अधिकारी के कार्यालय को अपने सामने सील कर, अपना सियासी भी ग्राफ बढ़ा दिया है।
विधानसभा की चर्चित बैकडोर भर्तियों पर सीएम पुष्कर धामी की पहल पर जांच शुरू होने जा रही है। यूकेएसएसएससी की विभिन्न भर्तियों की जांच के आदेश दे चुके सीएम ने ही विस अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी से विस की भर्तियों की जांच का अनुरोध किया था।
एक सितंबर को सीएम ने स्पीकर से मीडिया, सोशल मीडिया में आ रही खबरों को देखते हुए विस की समय- समय पर हुई भर्तियों की जांच कराने का अनुरोध करते हुए पत्र भेजा था। हालांकि पहले विस अध्यक्ष का देहरादून वापसी का कार्यक्रम सोमवार का बताया जा रहा था। लेकिन वें शनिवार को ही दिल्ली से लौट आईं और सारे मामले का अध्ययन करने के बाद कुछ ही घंटों बाद प्रेस कांफ्रेस कर जांच के आदेश जारी कर दिए। उधर, सीएम धामी ने मीडिया को दिए बयान में कहा कि स्पीकर खंडूड़ी ने राज्य सरकार और प्रदेश जनता की अपेक्षाओं के अनुसार निर्णय लेकर सदन की गरिमा बढ़ाई है। हमें विश्वास है कि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। कहा कि हम राज्य के सभी नौजवानों और नागरिकों को आश्वस्त करते हैं कि राज्य सरकार सभी की आशाओं के अनुसार इन सभी मामलों में कड़ी कार्रवाई करेगी।