देहरादून: प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री सादगी भरी दिनचर्या और अपने फैसलों से लगातार एक कुशल प्रशासक की छवि गढ़ने का सफल प्रयास कर रहे हैं। वे राजधानी देहरादून से ज्यादा राज्य भ्रमण और आम जनता के बीच रहना पसंद करते हैं। वह भी बिना किसी भारी-भरकम सुरक्षा व्यवस्था और भीड़ के।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद को सीएम नहीं बल्कि मुख्य सेवक मानते हैं। वे जब भी जिलों के दौरों पर होते हैं तो उनके साथ न तो लाव-लश्कर होता है और न ही सुरक्षा घेरे में होते हैं। वे प्रोटोकॉल को नजरअंदाज कर हर समय जनता के बीच मौजूद रहते हैं। वह जनता के बीच जाकर सीधे संवाद करते हैं और सरकार के कामकाज का फीडबैक लेते हैं।
इनका ताज़ा मामला बागेश्वर दौरे से जुड़ा है। मुख्यमंत्री धामी गरुड़ क्षेत्र में आज भ्रमण के दौरान बड़े ही सरल और सहज भाव से लोगों का अभिवादन स्वीकार कर उनके पास पहुंचे। बिना किसी क़ाफ़िले के मुख्यमंत्री को ऐसे देख आम जनता समझ नहीं पाई कि उनके प्रदेश के मुखिया सुबह-सुबह खुद उनके बीच पैदल चलकर आए हैं।
यह पहला मौक़ा नहीं है, जब मुख्यमंत्री धामी अकेले सुबह-सुबह जनता के बीच पहुंचे हों। वे अक्सर पर्वतीय जनपदों के दौरे के दौरान सुबह-सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकल जाते हैं। इस दौरान वे रास्ते में लोगों से मिलते हैं। उनका हालचाल पूछते हैं और फीडबैक भी लेते हैं। मुख्यमंत्री की इस शैली से स्थानीय लोग उनकी सराहना कर रहे हैं।
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