नई दिल्ली; रामलीला मैदान में हुई महंगाई पर हल्ला बोल रैली का आयोजन भले ही अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआइसीसी) ने किया हो, लेकिन इसकी सफलता प्रदेश कांग्रेस के लिए भी संजीवनी से कम नहीं होगी। प्रदेश नेतृत्व जहां मेजबान होने के नाते इस रैली को सफल बनाने में कामयाब रहा वहीं आगे चलकर यह रैली राजधानी में पार्टी को खोया जनाधार लौटाने की दिशा में भी मददगार साबित हो सकती है। इसे महंगाई की चहुंमुखी मार का असर कहें या लगातार कमजोर हो रही कांग्रेस को आगे ले जाने का जज्बा, लेकिन इस रैली की सफलता के लिए दिल्ली के हर बड़े नेता ने भी जिम्मेदारी निभाई। फिर चाहे वे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन हों या सुभाष चोपड़ा, पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष देवेंद्र यादव हों या पूर्व मंत्री हारून यूसुफ व डा. नरेंद्र नाथ या फिर प्रदेश उपाध्यक्ष मुदित अग्रवाल, जयकिशन, अभिषेक दत्त एवं कम्युनिकेशन विभाग के अध्यक्ष अनिल भारद्वाज।
यहां तक कि जिन सात जिलाध्यक्षों को बदला जा चुका है, उनमें से भी कई जैसे हरीकिशन जिंदल और इंद्रजीत सिंह तथा एकीकृत एमसीडी में पूर्व नेता सदन जितेंद्र कोचर भी जोर- शोर से जिम्मेदारी निभाते नजर आए। सभी ने अपने मनमुटाव दरकिनार कर दिए।
दिल्ली महिला कांग्रेस अध्यक्ष अमृता धवन के नेतृत्व में भी रैली में लगभग हरेक जिले से महिलाओं की भागीदारी रही। प्रदेश के वरिष्ठ प्रवक्ता डा नरेश कुमार ने दावा किया दिल्ली से कार्यकर्ताओं की संख्या भी 20 हजार से अधिक रही।
मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश कांग्रेस के प्रयासों को एआइसीसी ने भी स्वीकार्यता दी। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि रैली में मंच संचालन का पूरा दारोमदार दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल, माकन और चौधरी के ही जिम्मे रहा। चौधरी ने रैली में पहुंचने पर राहुल गांधी का स्वागत ही नहीं बल्कि मंच पर प्रतीक चिन्ह देकर उनका सम्मान भी किया। दिल्ली के अनेक वरिष्ठ नेताओं को दो और तीन नंबर मंच पर स्थान दिया गया।
इस रैली से प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारियों को ही नहीं, कार्यकर्ताओं को भी नया जोश मिला है। लंबे अरसे से सभी लोग ऐसे ही किसी उत्साहजनक आयोजन के इंतजार में थे, जो पार्टी के दमखम का एहसास करा सके। राजनीतिक जानकारों की मानें तो चूंकि महंगाई का मुददा जन साधारण से जुड़ा है, तोे इस रैली का संदेश जनता में भी सकारात्मक जाएगा। एक बार फिर दिल्ली वासी कांग्रेस पर विश्वास भरी निगाह रख सकते हैं।
दूसरी तरफ इससे इतर प्रदेश कांग्रेस के पूर्व मुख्य मीडिया कार्डिनेटर और अब आल इंडिया शिया पर्सनल ला बोर्ड के दिल्ली अध्यक्ष मेहदी माजिद ने कहा है कि यह रैली भी कांग्रेस को दिल्ली में उसका खोया मुकाम नहीं ही दिला पाएगी। उन्होंने कहा कि पार्टी की गुटबाजी कभी खत्म नहीं हो सकती।
इसीलिए एक एक करके तमाम पुराने नेता पार्टी को अलविदा कह रहे हैं। उनका यह भी कहना है कि पार्टी भारत जोड़ो अभियान शुरू करने की बात कर रही है, लेकिन जरूरत इस बात की है कि भारत से पहले कांग्रेस को ही आपस में जोड़ने के प्रयास किए जाएं।