चंडीगढ़: पंजाब के पशुपालन, मछली पालन और डेयरी विकास मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने बताया कि जिला मानसा के गाँव तलवंडी अकलिया से भेजे गए सूअरों के सैंपल में अफ्रीकन स्वाइन फीवर पाया गया है। बुधवार को जारी जानकारी में उन्होंने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान कौंसिल (आईसीएआर) -राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्था, भोपाल द्वारा इसकी पुष्टि के उपरांत पशुपालन विभाग ने जिले में बीमारी की रोकथाम के लिए पाबंदियां सख्ती से लागू कर दी हैं।
बीमारी के केंद्र से एक किलोमीटर तक का क्षेत्र ‘संक्रमण जोन’ और 1 से 10 किलोमीटर (9 किलोमीटर) तक का क्षेत्र ‘निगरानी जोन’ घोषित कर दिया गया है। विभाग के कर्मचारियों को हिदायत की गई है कि जिन्दा/मृत सुअर (जंगली सूअरों सहित), नॉन- प्रोसेस्ड सुअर का मीट, सुअर पालन फार्म या बैकयार्ड सुअर पालन से कोई भी फीड या सामग्री/सामान इनफेक्टेड जोन से बाहर ले जाने और जोन में लाने को सख्ती के साथ रोका जाना चाहिए और सूचीबद्ध बीमारी से संक्रमित सुअर या सुअर उत्पाद को मार्केट में लाने से रोका जाये।
राज्य में बीमारी की रोकथाम के लिए सूअरों की कलिंग सम्बन्धी जानकारी देते हुये कैबिनेट मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने बताया कि अफ्रीकन स्वाइन फीवर से प्रभावित राज्य के चार जिलों पटियाला, फतेहगढ़ साहिब, एसबीएस नगर और फाजिल्का में 735 सूअरों की कलिंग की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि पटियाला में 471, फतेहगढ़ साहिब में 68, एसबीएस नगर में 176 और फाजिल्का में 20 सूअरों की कलिंग की गई है।
पशुपालन मंत्री ने कहा कि सूअरों की कलिंग के लिए राज्य सरकार द्वारा मुआवजा नीति घोषित की गई है और विभाग द्वारा नोटीफाई किये गए बीमारी के केंद्र से एक किलोमीटर के दायरे के ‘संक्रमण जोन’ में विभाग द्वारा मारे गए सूअरों के लिए ही मुआवजा दिया जायेगा।
उन्होंने बताया कि 15 किलो तक वजन वाले सूअर की कलिंग के लिए 2200 रुपए, 15 किलो से 40 किलो तक वजन वाले सूअर के लिए 5800 रुपए, 40 किलो से 70 किलो तक वजन वाले सूअर के लिए 8400 रुपए, 70 किलो से 100 किलो तक वज़न वाले सूअर के लिए 12000 रुपए और 100 किलो से अधिक वजन वाले सूअर के लिए 15000 रुपए मुआवजा दिया जायेगा जबकि ‘संक्रमण जोन’ के अंदर नष्ट की गई सूअरों की खुराक के लिए 22 रुपए प्रति किलो के हिसाब से मुआवजा राशि मिलेगी।
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