हरिद्वार; ज्वालापुर के पांडेवाला स्थित गोगा जहारवीर मंदिर में बुधवार से मेला शुरू हो गया। मेले का आयोजन ज्वालापुर पांडेवाला स्थित गोगा जहारवीर म्हाड़ी पर धड़ा पंचायती फिराहेडियान रजिस्टर्ड समिति कर रही है। गुघाल मेला 10 सितंबर तक चलेगा। राजस्थान के लोक देवता गोगाजी की तर्ज पर हरिद्वार उपनगरी ज्वालापुर में गुघाल मेला बुधवार से शुरू हो गया। जाहरवीर गोगा की पवित्र छड़ी की पूजा-अर्चना की गई। छड़ी को ढोल-नगाड़ों के साथ ज्वालापुर के विभिन्न गली-मोहल्लों में भ्रमण कराया गया। मेले में दुकानें सजी हैं। वहीं, गुरुवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी गुघाल मेले में पूजा अर्चना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि जाहरवीर भगवान सबके कष्ट हरते हैं। उनकी शरण में पहुंचने वाले भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मेले में काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और प्रसाद चढ़ाया।
मिली जानकारी के अनुसार, ज्वालापुर के पांडेवाल में पंचायती धड़ा फिराहेडियान की ओर से आयोजित गुघाल मेले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने भगवान गोगा जाहरवीर की म्हाड़ी एवं रघुनाथ भगवान की पूजा-अर्चना कर देश एवं प्रदेश की सुख-शांति तथा समृद्धि के लिए प्रार्थना की। सीएम पुष्कर सिंह धामी का मेला और मंदिर परिसर पहुंचने पर तीर्थ पुरोहितों ने स्वागत किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेले भारतीय संस्कृति के परिचायक हैं। मेला लगने की प्रथा समाप्त होती जा रही है। हमें मेलों को बचाए रखने के लिए आगे आना होगा। सीएम ने कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा के साथ मंदिर परिसर में पौधरोपण भी किया। इस दौरान रानीपुर विधायक आदेश चौहान, रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा, श्रीगंगा सभा अध्यक्ष प्रदीप झा, पूर्व मेयर मनोज गर्ग आदि मौजूद रहे।
गुघाल मेला 10 सितंबर तक चलेगा। मेले का आयोजन ज्वालापुर पांडेवाला स्थित गोगा जहारवीर म्हाड़ी पर धड़ा पंचायती फिराहेडियान रजिस्टर्ड समिति कर रही है। चार दिवसीय मेले की शुरुआत चॉकलान मोहल्ले से हुई। गोगा जाहरवीर जी की पवित्र छड़ी को ज्वालापुर के विभिन्न क्षेत्रों में भ्रमण कराया गया। पवित्र छड़ी का श्रद्धालुओं ने स्वागत किया। छड़ी ज्वालापुर पांडेवाला स्थित प्रसिद्ध गोगावीर के मंदिर पहुंचने पर पंडितों ने विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर छड़ी को मंदिर में स्थापित किया। मेले के अंतिम दिन छड़ी राजस्थान स्थित जाहरवीर गोगाजी के मंदिर के लिए रवाना होगी। मेले को देखते हुए सुरक्षा के भी व्यापक इंतजाम किए गए हैं।
गोगा जाहरवीर को हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग मानते हैं। इसलिए मेला हिंदू मुस्लिम एकता का भी प्रतीक है। मेले में लक्सर, पथरी, धनौरी, बहादराबाद ही नहीं सहारनपुर, मेरठ और आसपास से श्रद्धालु आते हैं।
संपादन: अनिल मनोचा