नई दिल्ली; अगस्त में खुदरा महंगाई दर बढ़ने के बाद विश्लेषकों ने आरबीआई की ओर से ब्याज दर बढ़ाने के अनुमान लगाने शुरू कर दिए हैं। ब्याज दरों को बढ़ाने के पीछे सबसे बड़ी वजह देश में बढ़ती हुई महंगाई होने वाली है। ताजा अनुमानों में विश्लेषक मान रहे हैं कि केंद्रीय बैंक इस सितंबर के अंत में होने वाली एमपीसी की बैठक में 50 आधार अंक यानी 0.50 प्रतिशत तक ब्याज दर बढ़ा सकता है।
मिली जानकारी के अनुसार, सरकार की ओर से जारी किए गए अगस्त के खुदरा महंगाई दर के आंकड़ों के मुताबिक, देश में महंगाई जुलाई के मुकाबले 6.7 प्रतिशत से बढ़कर अगस्त में 7 प्रतिशत तक हो गई है और यह आरबीआई की ओर से तय किए गए महंगाई के बैंड 2-6 प्रतिशत से एक प्रतिशत अधिक है। अगस्त में महंगाई बढ़ने के पीछे सबसे बड़ा कारण खाद्य वस्तुओं के दामों में इजाफा होना था।
स्विस ब्रोकरेज यूबीएस सिक्योरिटीज की भारत में मुख्य अर्थशास्त्री तनवी गुप्ता जैन का कहना है कि आधार वर्ष के प्रभाव को देखते हुए लगता है कि सितंबर में भी महंगाई अगस्त के स्तर के आसपास बनी रह सकती है। हालांकि अक्टूबर में इससे थोड़ी राहत मिल सकती है। आरबीआई 30 सितंबर तक होने वाली एमपीसी की बैठक में 35 आधार अंक या 0.35 प्रतिशत तक ब्याज दर बढ़ा सकता है।
बार्कलेज सिक्योरिटीज इंडिया के मुख्य अर्थशास्त्री राहुल बजोरिया का कहना है कि खुदरा और थोक महंगाई दर बढ़ी रहेगी। आरबीआई बढ़ी हुई महंगाई को खत्म करने के लिए इस महीने के अंत में होने वाली एमपीसी की बैठक के बाद ब्याज दरों को 50 आधार अंक या 0.50 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है।
अमेरिकी वित्त संस्था मॉर्गन स्टेनली ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 30 सितंबर को होने वाली एमपीसी की बैठक में आरबीआई ब्याज दर को 35 आधार अंक या 0.35 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है। इसके कारण वित्त वर्ष 2023-24 में महंगाई दर 5.3 प्रतिशत के स्तर पर आ सकता है।