नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। वो गुरुवार रात करीब नौ बजे पहुंचे। इस सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री मोदी रूस, उज्बेकिस्तान और ईरान के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। शिखर सम्मेलन के बाद एससीओ नेताओं की जरूरी बैठक भी होगी। प्रधानमंत्री मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ होने वाली द्विपक्षीय बैठक पर पूरे विश्व की नजरें हैं।
कोविड महामारी और यूक्रेन संघर्ष के बाद प्रधानमंत्री मोदी और पुतिन की पहली बैठक है। वो ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव के साथ भी द्विपक्षीय बैठक करेंगे। इस सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग समेत 15 वैश्विक नेता हिस्सा लेने पहुंचे हैं।
इस साल उज्बेकिस्तान शिखर सम्मेलन 2022 की अध्यक्षता कर रहा है। समरकंद शिखर सम्मेलन के बाद भारत एससीओ की रोटेशनल वार्षिक अध्यक्षता ग्रहण करेगा। एससीओ संगठन में मौजूदा वक्त में आठ सदस्य देश हैं। इनमें चीन, भारत, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान शामिल हैं। साथ ही चार पर्यवेक्षक देश हैं। यह पूर्ण सदस्य के तौर पर संगठन में शामिल होने की रुचि रखते हैं। इनमें अफगानिस्तान, बेलारूस, ईरान और मंगोलिया शामिल हैं। संगठन में छह डायलॉग पार्टनर्स देश हैं। ये आर्मेनिया, अजरबैजान, कंबोडिया, नेपाल, श्रीलंका और तुर्की हैं।
शिखर सम्मेलन में भारत ने दृढ़ता से क्षेत्रीय सुरक्षा से संबंधित चिंताओं, रक्षा, आतंकवाद का मुकाबला करने और अवैध नशीली दवाओं के व्यापार आदि पर सहयोग को लेकर आह्वान किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विशेष विमान गुरुवार को रात नौ जब उज्बेकिस्तान के ऐतिहासिक शहर समरकंद के हवाई अड्डे पर उतरा तो उज्बेकिस्तान के प्रधानमंत्री ने उनका जोरदार स्वागत किया।
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