अब योजना में सूचीबद्ध निजी अस्पताल आयुष्मान कार्ड पर गर्भवती महिला का प्रसव करने से इनकार कर रहे हैं। जानकारों की मानें तो जननी सुरक्षा योजना के तहत सरकारी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं का इलाज मुफ्त होता है। उन्हें आर्थिक सहायता के साथ आने-जाने की सुविधा भी मिलती है, इसी कारण आयुष्मान योजना के कार्ड पर निजी अस्पतालों में सिजेरियन डिलीवरी की सुविधा बंद कर दी गई है।राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया ने बताया कि प्राधिकरण ने कार्ड धारक गर्भवती महिलाओं को इलाज कराने में दिक्कतों लेकर प्रदेश सरकार और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) को पत्र भेजा है। जब तक जवाब नहीं मिलता है तब तक सूचीबद्ध निजी अस्पतालों को इमरजेंसी में गर्भवती महिला को इलाज की सुविधा देने को कहा गया है। पर इसके लिए अस्पतालों को प्राधिकरण से अनुमति लेनी होगी। बता दें कि कार्ड धारकों के इलाज पर सरकार ने 967 करोड़ की राशि खर्च की है।
राज्य में गर्भवती महिलाओं का सुरक्षित प्रसव के लिए संस्थागत प्रसव की दर में सुधार हुआ है। वर्तमान में संस्थागत प्रसव की दर 89 प्रतिशत है। यानी 100 गर्भवती महिलाओं में 89 अस्पतालों में प्रसव के लिए आ रही हैं। सरकार का संस्थागत प्रसव दर को शत प्रतिशत करने फोकस है। लेकिन आयुष्मान कार्ड पर निजी अस्पतालों में सिजेरियन डिलीवरी की सुविधा खत्म करने से संस्थागत प्रसव बढ़ाने के प्रयास को झटका लगा सकता है।