संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ; एस0 जयशंकर ने चीन द्वारा जैश0ए0मोहम्मद के आतंकी साजिद मीर को काली सूची में डाले जाने की राह में रोड़ा अंटकाने पर कहा कि जब दुनिया के खूंखार आतंकवादियों में से कुछ को प्रतिबंधित करने की बात आती है तो कुछ देश उनको बचाने के लिए आगे आ जाते हैं।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आतंकवादियों को बचाने के मुद्दे पर चीन और पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा। एस. जयशंकर ने चीन द्वारा जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी साजिद मीर को काली सूची में डाले जाने की राह में रोड़ा अंटकाने पर परोक्ष रूप से तंज कसते हुए कहा कि यह बहुत ही खेदजनक है कि जब कभी दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने की बात आती है तो कुछ देश उन्हें बचाने का काम करते हैं।
विदेश मंत्री ने कहा कि अफसोस की बात है कि जब दुनिया के कुछ सबसे खूंखार आतंकवादियों पर शिकंजा कसने की बात आती है तो कुछ देश इसमें रोड़ा अंटकाने लगते हैं। यह घटना हाल के दिनों में हमने इसे इसी कक्ष में होते देखी है। यदि दिनदहाड़े किए गए गंभीर हमलों को इसी तरह छोड़ दिया जाता है, तो सुरक्षा परिषद को उन संकेतों पर विचार करना होगा जो इन कदमों के जरिए दिए जा रहे हैं। विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए निरंतरता जरूरी है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ब्रीफिंग को जब संबोधित कर रहे थे, तब वहां पर चीनी चीनी विदेश मंत्री वांग यी भी मौजूद थे। जयशंकर के संबोधन के दौरान संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, चीनी विदेश मंत्री वांग यी, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव समेत अन्य मुल्कों के विदेश मंत्री भी मौजूद थे।
समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक एस. जयशंकर ने कहा कि हमें सुरक्षा परिषद की विश्वसनीयता सुनिश्चित करनी चाहिए। राजनीति को कभी भी जवाबदेही से बचने के लिए कवर प्रदान नहीं करना चाहिए। न ही आतंकियों को दंड से मुक्ति की सुविधा दी जानी चाहिए। दुनिया में शांति और न्याय हासिल करने के व्यापक प्रयास के लिए ‘दंड मुक्ति’ के खिलाफ लड़ाई बेहद महत्वपूर्ण है। सुरक्षा परिषद की ओर से इस संबंध में एक साफ संदेश दिया जाना चाहिए।
जयशंकर ने यूक्रेन युद्ध को तत्काल समाप्त करने और वार्ता एवं कूटनीति के रास्ते पर लौटने की जरूरत दोहराई। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा कि यूक्रेन में जारी टकराव को समाप्त करना और वार्ता एवं कूटनीति के मार्ग पर वापस लौटना समय की जरूरत है। पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक विदेश मंत्री ने पीएम मोदी की सलाह का उल्लेख करते हुए कहा कि परमाणु मुद्दा विशेष चिंता की बात है। सनद रहे पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से टकराव खत्म करने की अपील करते हुए कहा था कि यह युद्ध का युग नहीं है
उल्लेखनीय है कि लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी साजिद मीर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए अमेरिका और भारत की तरफ से इसी महीने सुरक्षा परिषद में लाए गए प्रस्ताव को चीन ने रोक दिया था। आतंकी साजिद मीर मुंबई हमले का मुख्य साजिशकर्ता है। इतना ही नहीं चीन ने पिछले महीने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के भाई अब्दुल रउफ अजहर को ब्लैक लिस्ट करने की राह में बाधा डाली थी। चीन ने अब्दुल रउफ अजहर पर अमेरिका और भारत की तरफ से लाए गए प्रस्ताव को भी रोक दिया था।