प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दावा किया है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) ने में प्रधानमंत्री मोदी की रैली को निशाना बनाने की योजना बनाई थी। इसके लिए पीएफआई संवेदनशील स्थानों पर हमले शुरू करने के लिए आतंकी मॉड्यूल, घातक हथियारों और विस्फोटकों को इकठ्ठा करने में लगी हुई थी।
मिली जानकारी के अनुसार, ईडी ने गुरुवार को केरल से पीएफआई सदस्य शफीक पायथ को गिरफ्तार किया था। शफीक पायथ के खिलाफ अपने रिमांड नोट में ईडी ने सनसनीखेज दावा करते हुए कहा है कि इस साल 12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पटना यात्रा के दौरान पीएफआई ने हमला करने के लिए एक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया था। ईडी ने पिछले कुछ वर्षों में पीएफआई द्वारा एकत्र किए गए 120 करोड़ रुपये का विवरण पाया है। ये रुपये ज्यादातर नकद में और देश भर में दंगों और आतंकी गतिविधियों को फ़ैलाने के लिए इकठ्ठा किये गए थे।
ईडी ने पिछले कुछ वर्षों में पीएफआई द्वारा एकत्र किए गए 120 करोड़ रुपये का विवरण पाया है। ये रुपये ज्यादातर नकद में और देश भर में दंगों और आतंकी गतिविधियों को फ़ैलाने के लिए इकठ्ठा किये गए थे। बता दें कि ईडी ने गुरुवार को देशव्यापी छापेमारी के बाद चार पीएफआई सदस्यों को गिरफ्तार किया था।
ईडी ने संगठन के तीन अन्य पदाधिकारियों को दिल्ली से हिरासत में लिया था। इनके नाम परवेज अहमद, मोहम्मद इलियास और अब्दुल मुकीत हैं। 2018 से पीएफआई के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू होने के बाद से ईडी ने इन सभी से कई बार पूछताछ की है।
प्रवर्तन निदेशालय ने शफीक पायथ पर आरोप लगाया है कि कभी कतर में रहने वाले पायथ ने देश में गड़बड़ी फ़ैलाने के लिए विदेश से अपने एनआरआई खाते में पैसे मंगाकर पीएफआई को ट्रांसफर किया। इसलिए उन्होंने अपने एनआरआई खाते का अवैध रूप से इस्तेमाल किया है। ईडी के अनुसार पायथ के परिसरों पर पिछले साल एजेंसी ने छापा मारा था, जब रियल एस्टेट व्यवसायों में निवेश और बाद में पीएफआई में उन पैसों के डायवर्जन का खुलासा हुआ था।
संपादन: अनिल मनोचा